नवीन शिक्षा नीति, युवाओं की आकांक्षाओं को साकार करने का साधन : श्रम मंत्री देवांगन

रायपुर। वाणिज्य, उद्योग और श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन सोमवार को कोरबा स्थित शासकीय इंजीनियर विश्वेश्वरैया स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोरबा के दीक्षारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री देवांगन ने वाणी की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के छायाचित्र पर दीप प्रज्वलित किया। इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने कहा की सभी शासकीय, निजी कॉलेजों में नवप्रवेशित विद्यार्थियों को नए परिवेश में सहज महसूस कराने, उनमें संस्थान की विशिष्ट प्रकृति तथा संस्कृति को सिखाने, अन्य छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ संबंध बनाने तथा उन्हें व्यापक उद्देश्य तथा स्वयं की खोज की भावना से परिचित कराने के उद्देश्य से दीक्षारंभ समारोह का आयोजन किया जा रहा है।

मंत्री देवांगन ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम में अलग-अलग विषयों से अवगत होंगे, निश्चित रूप से भविष्य में हमारी शिक्षा नीति विश्व स्तर पर नई पहचान बनायेगी। उन्होंने छात्राओं को निरंतर आगे बढ़ते रहने एवं आदर्श छात्र जीवन जीने की बात कही।नवीन शिक्षा नीति युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं को साकार करने का साधन बनने जा रहा है।

मंत्री देवांगन ने कहा कि यह जिले का सबसे बड़ा महाविद्यालय है। आज नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए प्रवेश का प्रथम दिवस है। उन्होंने कहा की आप विद्यालय की पढ़ाई पूर्ण कर महाविद्यालय में प्रवेशित हो रहे हैं, जिस प्रकार एक पौधा रोपण होता है, उसके बाद वो पौधा बड़ा पेड़ बनता है और संपूर्ण प्रकृति को ठंडक प्रदान करता है। ठीक उसी प्रकार आज आपका भी पदार्पण हुआ है। महाविद्यालय में यहां से विद्यार्जन करके निकलेंगे तो राष्ट्र के लिए आप भी उपलब्धियां लेकर राष्ट्र का नाम रोशन करेंगे।

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ साधना खरे, जनभागीदारी समिति की अध्यक्ष श्रीमती कविता सिंह राजपूत, वार्ड क्रमांक 16 के पार्षद नरेंद्र देवांगन, जिला उपाध्यक्ष प्रफुल्ल तिवारी, डॉ. रेणु बाला शर्मा, डॉ एस के गोभिल, डॉ अवंतिका कौशिल समेत छात्र और अध्यापक उपस्थित रहे।

मिनीमता और अग्रसेन कन्या महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री देवांगन

कोरबा स्थिति शासकीय मिनीमाता कन्या महाविद्यालय और अग्रेसन कन्या महाविद्यालय में भी आयोजित दीक्षारंभ समारोह में मंत्री देवांगन शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज से आप महाविद्यालय के छात्र हैं और ज्ञान के इस मंदिर का प्रयोग कर अपने भविष्य को चहुंमुखी विकास की ओर ले जा पाएंगे। नवीन शिक्षा नीति का उपयोग कर नई शिक्षा को जीवन मे उतारते हुए सम्पन्न और विकसित भारत की संकल्पना में अपना योगदान दे पाएंगे।

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