नक्सली कमांडर हिड़मा और देवा बारसे का घर टूटा, सवालों के घेरे में घटना

सुकमा। जिले के पूवर्ती गांव में स्थित नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी के सदस्य माड़वी हिड़मा और बटालियन नंबर-1 के कमांडर देवा बारसे का घर खंडहर में बदल गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गांव में सुरक्षाबलों का कैंप खुलने के बाद से हिड़मा अपनी मां को लेकर गांव छोड़ चुका है। खाली पड़ा घर अब खंडहर बन गया था, जिसे पड़ोसी गांव के लोगों ने आकर तोड़ दिया।

हिड़मा और देवा बारसे के घर को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं

घर को तोड़ने में ग्रामीणों की भूमिका: क्या घर वास्तव में ग्रामीणों ने अपनी मर्जी से तोड़ा है?
पुलिस या प्रशासन की भूमिका: क्या सुरक्षाबलों या पुलिस ने घर तोड़ने का निर्देश दिया?
नक्सलियों की भूमिका: क्या यह घर खुद नक्सलियों ने किसी रणनीति के तहत तुड़वाया?
इन सवालों के जवाब अभी तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं।

सुरक्षाबलों का कैंप और हिड़मा की मां का पलायन

इसी वर्ष पूवर्ती गांव में सुरक्षाबलों का कैंप स्थापित किया गया था। कैंप की स्थापना के दिन हिड़मा की मां अपने घर में मौजूद थी और इस दौरान एसपी किरण चव्हाण ने उनसे मुलाकात भी की थी। धीरे-धीरे गांव में सुरक्षाबलों की उपस्थिति बढ़ने के साथ हिड़मा की मां गांव से गायब हो गई।

गांव में फोर्स की बढ़ती पैठ

सुरक्षाबलों ने कैंप स्थापित करने के बाद पूवर्ती गांव और आसपास के क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है। यह क्षेत्र पहले नक्सलियों का प्रभाव क्षेत्र माना जाता था। कैंप खुलने के बाद से नक्सलियों की गतिविधियों में कमी आई है, लेकिन उनके समर्थकों और उनके बचे हुए ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।

घर टूटने की घटना पर असमंजस

घर टूटने के पीछे की मंशा और इसके वास्तविक कारणों पर फिलहाल स्थिति अस्पष्ट बनी हुई है। एसपी और अन्य अधिकारी इस घटना पर किसी भी भूमिका से इनकार कर रहे हैं। वहीं, ग्रामीणों के बयान भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं।

यह घटना नक्सली गतिविधियों और सुरक्षाबलों के बीच चल रही रणनीतिक लड़ाई का हिस्सा मानी जा रही है। प्रशासन ने मामले की जांच के संकेत दिए हैं।

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