राज्य के सबसे बडे़ सौर पॉवर प्लाट का निरीक्षण करने पहुंची राष्ट्रीय एक्सपर्ट टीम
राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्र्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर के नेतृत्व में राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान रायपुर के प्रोफेसरों की टीम राजनांदगांव जिले के टप्पा (डुंडेरा) में स्थापित पहले प्रदेश के सबसे बड़े सौर पॉवर प्लांट का रिसर्च करने पहुंची। राष्ट्रीय एक्सपर्ट की टीम ने 452 एकड़ के भू-भाग में 960 करोड़ की लागत वाले इस पॉवर प्लांट के सभी क्षेत्रों का निरीक्षण करते हुए स्थापित उपकरणों कीे क्षमता एवं तकनीकियों को बारिकी से परखा। पॉवर कंपनी द्वारा मिली जानकारी के अनुसार राज्य के विभिन्न जिलों में भविष्य मे इस तरह के बड़े सौलर पॉवर प्लांट की स्थापना के लिए वृहद स्तर पर कार्ययोजना हेतु प्रंबधकीय कार्य का रिसर्च करने यहां टीम दस्तक दी।
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की टीम में डॉ. शुभ्रता गुप्ता, डॉ. अनामिका यादव, डॉ. सचिन जैन, डॉ. स्वप्नजीत पटनायक, डॉ. बैद्यनाथ बैग, डॉ. डी सुरेश एवं डॉ. रंजन कुमार शामिल रहे। इस दौरान प्रबंध निदेशक भीम सिंह कंवर के अलावा कार्यपालक निदेशक आर.ए. पाठक, अधीक्षण अभियंता बिम्बिसार, राजनांदगांव क्षेत्र के कार्यपालक निदेशक शिरीष सेलट, अधीक्षण अभियंता के.सी. खोटे, कार्यपालन अभियंता आर.के. गोस्वामी, नुरेन्द्र साहू सहित अन्य मौजूद रहे। राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का कार्य सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) एवं छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा गया। इस कंपनी द्वारा 01 फरवरी 2024 को संयंत्र स्थापना कार्य पूर्ण कर कार्यशील किया गया। यह देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है, जिसमें 100 मेगावॉट का सोलर संयंत्र स्थापित किया गया है। इस प्लांट की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल स्थापित किये गये हैं, जिससे पैनल के दोनों ओर से प्राप्त सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये हैं, जो कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर आगामी सात वर्षों तक प्राप्त हो जाएगी। इस पार्क के माध्यम से प्रति दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है एवं हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह परियोजना देश एवं प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा। साथ ही ऐसे अनेक परियोजनाओं पर क्रेडा द्वारा कार्य किया जा रहा है।
राज्य में सोलर से बिजली सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम आधारित सौर ऊर्जा संयंत्र छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में डोंगरगढ़ रोड पर ग्राम ढ़ाबा के आस-पास के 4-5 गांव के पहाड़ी क्षेत्र में स्थापित किया गया है। संयंत्र के साथ स्थापित बैटरी सिस्टम के माध्यम से रात्रि में भी बिजली प्रदाय की सुविधा रहेगी। इससे प्रतिदिन 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा और लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, इससे हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा।
राजनांदगांव में ऑनग्रिड सोलर पावर प्लांट स्थापना का कार्य सोलर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) एवं छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को सौंपा गया। इस कंपनी द्वारा 01 फरवरी 2024 को संयंत्र स्थापना कार्य पूर्ण कर कार्यशील किया गया। यह देश का पहला ऑनग्रिड सोलर सिस्टम है, जिसमें 100 मेगावॉट का सोलर संयंत्र स्थापित किया गया है। इस प्लांट की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें 660 वॉट क्षमता के कुल 2 लाख 39 हजार बाईफेसियल सोलर पैनल स्थापित किये गये हैं, जिससे पैनल के दोनों ओर से प्राप्त सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली का निर्माण किया जा रहा है। इसकी कुल परियोजना लागत 960 करोड़ रूपये हैं, जो कि सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन कर आगामी सात वर्षों तक प्राप्त हो जाएगी।
इस पार्क के माध्यम से प्रति दिन लगभग 5 लाख यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है, जिससे लगभग 4.5 लाख मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आ रही है एवं हरित ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में यह परियोजना देश एवं प्रदेश में उत्कृष्ट मॉडल के रूप में देखा जाएगा। साथ ही ऐसे अनेक परियोजनाओं पर क्रेडा द्वारा कार्य किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ शासन द्वारा राजनांदगांव जिले के बैरन पहाड़ी क्षेत्र के उत्तम उपयोग के दृष्टिकोण से देश एवं प्रदेश के प्रथम सोलर पार्क की स्थापना का निर्णय लिया गया। शासन की इस महत्वाकांक्षी योजना का प्रारंभ वर्ष 2016 में हुआ। इसके तहत् ग्रिड कनेक्टेड मेगा साईज सोलर पावर प्लांट की स्थापना हेतु छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) के द्वारा दो चरणों में सोलर पार्क की स्थापना का कार्य प्रस्तावित किया गया तथा इस हेतु कुल 17 गांव की 626.822 हेक्टेयर शासकीय भूमि की मांग की गई थी जिसमें कुल 09 गांव की 377.423 हेक्टेयर भूमि जिला प्रशासन, राजनांदगांव द्वारा आबंटित की गई।
सोलर पार्क स्थापना के प्रथम चरण में 05 गांव के (16 खसरे) कुल 181.206 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया, इनमें प्रमुखतः ग्राम ढाबा, कोहका, रेंगाकठेरा, डुंडेरा, अमलीडीह तहसील व डोंगरगांव सम्मिलित थे तथा द्वितीय चरण में 04 गांव के 196-217 हेक्टेयर शासकीय भूमि का सर्वे कर आबंटन प्राप्त किया गया। इनमें प्रमुखतः ग्राम ओडारबंध, गिरगांव, टोलागांव, घुघुवा तहसील डोंगरगांव सम्मिलित थे।