डाकघर पखांजूर से महिला के बचत खाते से राशि हुई उड़न छू

रिपोर्टर : धनंजय चंद

कांकेर। पखांजूर क्षेत्र हर दिन किसी न किसी कारण से चर्चा का विषय बना रहता है, जहां एक और शासन द्वारा डाकसेवकों की लगातार भर्ती हो रही है। जिससे देश के अंतिम छोर तक बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

प्रधानमंत्री की वृद्धा, विधवा, विकलांग पैंशन योजनाए निकाली जा रही है, जिससे अधिकतर ग्रामवासी लाभान्वित हो मगर वही दूसरी और लक्ष्मी नेताम मुरझार, हांकेर डाकघर की खाता धारक है जो पिछले कई सालो से अपने पैंशन के लाभ से कोसो दूर है जिन्हे खुद को ही पता नही था की उनकी विधवा पैशन के तहत लगभग तीन सौ पचास रूपए प्रति माह के दर से सात वर्षो से उनके बचत खाते में आ रही है। किसी के द्वारा जब उन्हें जानकारी मिली की उन्हें भी शासन के योजना का लाभ मिल रहा है तो उन्होंने अपना बचत खाता हांकेर के शाखाडाकपाल सुनील सिकदार को अपना बचत खाता उपल्ब्ध राशि की जानकारी के लिए दिया।

उनका आरोप है की सुनील सिकदार द्वारा उनका खाता आज तक नही लौटाया गया। सुनील सिकदार ने पूर्व उप संभागीय निरीक्षक अजय देवांगन द्वारा सभी पुराने दस्तावेज और खाते को अपने साथ पखांजूर ऑफिस में लेकर आया। लक्ष्मी नेताम जो की लोगों के घर काम कर अपना गुजारा चलाती हैं, उन्हें कई बार मुरझर से 25 किलोमीटर का सफर तय कर पखांजूर उप डाकघर का चक्कर काटने पर पता चला की उनके खाते से तीन अलग-अलग किश्तों में बचत खाते से राशि की निकासी उनके बगैर जानकारी के हुई है, जिसकी शिकायत उन्होंने पूर्व उप संभागीय निरीक्षक अजय देवांगन से आज से तीन वर्ष पहले की उसके बाद भी उन्हें आज तक न अपना खाता मिला न ही खाते की कोई जानकारी मिली है।

इस मामले को कई साल हो गए है मगर किसी बंद बस्ते में इतने बड़े मामले के जाने से डाकघर की छवि कही न कही फिर से धूमिल होती नजर आ रही है, जहां अधिकारी व कर्मचारी के द्वारा लिपा पोती कर मामले को दबा दिया गया था और आज भी वो सरकार के पैंशन योजना के लाभ से वंचित हो कर अपना गुजारा कर रही है उन्हे अधिकारी व शाखा डाकपाल द्वारा केवल समझाइश दी गई ऐसे में उपसंभागीय निरीक्षक द्वारा दोषी का साथ देते हुए ये कहा गया की आपके द्वारा निकासी गई राशि में हस्ताक्षर आपके है, मगर विडंबना देखिए की लक्ष्मी नेताम के बचत खाता में विभाग के पास हस्ताक्षर नहीं, बल्कि अंगूठे का निशान है ऐसे में अधिकारी द्वारा किसी को संरक्षण दे रहा है जो साफ तोड़ से दिखाई पड़ता है।
अब देखना यहाँ है कि इस गरीब लक्ष्मी नेताम पर डाकविभाग द्वारा क्या न्याय करती है

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