पूरे देश के जनता के दिलो में राज करने वाले मोहन भैया राजनीतिक मैदान में अजेय हैं : गफ्फार मेमन

रायपुर। पहली बार किसी नेता के जीत को अग्रिम बधाई देने राजधानी में लगाई गई पोस्टर बना चर्चा का विषय। बृजमोहन अग्रवाल के जीत को लेकर उत्साहित समर्थको ने राजधानी में लगाए अग्रिम जीत के बधाई वाले पोस्टर, पोस्टर लगाने वाले समर्थक गरियाबंद पालिका अध्यक्ष गफ्फार मेमन बोले रायपुर के ही नहीं पूरे देश के जनता के दिलो में राज करने वाले मोहन भैया राजनीतिक मैदान में अजेय हैं।

देश भर में लोक सभा चुनाव के परिणाम भले 4 को आयेंगे, लेकिन रायपुर लोकसभा के भाजपा प्रत्याशी बृजमोहन अग्रवाल के जीत को लेकर कार्यकर्ता न केवल पुरी तरह से आश्वस्त है बल्कि कॉन्फिडेंस का लेबल भी गर्मी की पारा के तरह चढ़ा हुआ है। रायपुर के तेलघानी नाका, वीआईपी रोड, राठौर चौक, शंकर नगर रोड के अलवा रायपुर के हर भिड़ भाड़ वाले स्थान में बृजमोहन अग्रवाल को जीत की अग्रिम बधाई देने वाला पोष्टर लगाया गया है।

गरियाबंद पालिका अध्यक्ष गफ्फू मेमन ने अग्रिम बधाई का पोस्टर लगाना शुरू किया है।मेमन ने जीत के प्रति आश्वस्त के सवालों पर कहा कि मौजूदा मोदी मैजिक हो या मोहन भैया का जनता के दिल में स्थान इसे सभी जानते हैं, सत्ता किसी की भी रहे बृजमोहन अग्रवाल को राजनीति मैदान में कोई नही हरा पाया है। मेमन ने कहा कि जड़े जमाने के लिए जूझना होता है। एक एक कार्यकर्ताओ के सुख दुख का लेखा जोखा रख उनके लिए संकट मोचन का काम मोहन भइया करते आ रहे हैं। मोहन भैया के मैदान में राजनीतिक पंडितों का आंकलन भी काम नही आता। यही वजह है कि कुशल नेतृत्व, आदर्श राजनीति में रम चुके इस निर्वादित नेता के जीत को लेकर रायपुर लोकसभा के प्रत्येक मतदाता आश्वस्त हैं।

छात्र नेता से लेकर अजेय योद्धा कैसे बने :

साल 1990 में पहली बार विधायक निर्वाचित होने के बाद बृजमोहन अग्रवाल कभी चुनाव नहीं हारे, लगातार वह चुनाव जीतते रहे। 1990 के चुनाव में जीत का सफर 1998, 2003, 2008, 2013, 2018 और 2023 में भी जीत के साथ जारी रहा। वह लगातार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए हैं। अग्रवाल ने पहली बार साल 1977 में अखिल भारतीय परिषद के माध्यम से छात्र राजनीति में प्रवेश किया था। वह 1980 से 1985 के बीच युवा मंडल के अध्यक्ष रहे। इस बीच 1981 से 1982 रायपुर के दुर्गा महाविद्यालय एवं प्रमुख सलाह विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं। उसके बाद 1982 से 1983 तक वह छात्र संघ अध्यक्ष कल्याण महाविद्यालय भिलाई के रहे। बृजमोहन अग्रवाल ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के रूप में 1988 से 1990 प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी संभाली है।

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ शासन में अलग-अलग विभागों पर मिली बड़ी जिम्मेदारी :

बृजमोहन अग्रवाल लगातार विधानसभा के चुनाव जीते और विधायक बनते रहे है। साल 1998 में अग्रवाल को भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक चुना गया था। साल 2000 में वह लोक लेखा समिति एवं कार्य मंत्रणा समिति के सदस्य रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद साल 2003 में बृजमोहन अग्रवाल को गृह, जेल, श्रम, संस्कृति व पर्यटन विभाग में मंत्री बनाया गया था। उसके बाद साल 2006 में बृजमोहन अग्रवाल को वन, राजस्व, पर्यटन, संस्कृति विभाग में मंत्री की जिम्मेदारी दी गई। साल 2008 में चुनाव जीतने के बाद वह फिर से छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री बने। इसके बाद साल 2013 में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की सरकार में वह पशुधन, मछली पालन, जन संसाधन मंत्री रहे। साल 2023 में बृजमोहन अग्रवाल ने एक बार फिर से रायपुर दक्षिण से चुनाव जीता और छत्तीसगढ़ भाजपा सरकार में बृजमोहन अग्रवाल को मंत्री बनाया गया है।

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