विधायक का तोहफा या चुनावी हथकंडा : स्कूटी और हवाई जहाज की सैर से टॉपर छात्रों का भविष्य संवरने का दावा?
रायपुर। भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर जमकर बहस हो रही है। 10वीं और 12वीं कक्षा की मेधावी छात्राओं को विधायक द्वारा स्कूटी और हवाई जहाज की सैर देने की घोषणा की गई। जहां एक ओर कुछ लोग इसे छात्रों के लिए प्रोत्साहन मान रहे हैं, वहीं कई लोग इसे चुनावी हथकंडा कह रहे हैं।
सवाल यह है कि क्या स्कूटी देने से इन छात्राओं का भविष्य संवर सकता है? या फिर यह केवल राजनीतिक दलों की एक रणनीति है, जो शिक्षा में सुधार की जगह सिर्फ सतही तोहफे देने तक सीमित रह गई है। आलोचकों का मानना है कि छात्रों की असली जरूरत है उच्च शिक्षा और अच्छे संस्थानों में दाखिला, न कि दोपहिया वाहन, जिनका उपयोग भी कम उम्र में सवालों के घेरे में है।
भरतपुर की एक मेधावी छात्रा अंकिता रजक का उदाहरण इस पूरे विवाद को और गहरा करता है। अंकिता, जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से हैं, ने सोशल मीडिया पर अपने संघर्ष की कहानी साझा की थी। उनकी पढ़ाई का खर्च एक समाजसेवी ने उठाया, और वह अब अपने सपनों को पूरा करने के लिए बिलासपुर में पढ़ाई कर रही हैं। इस प्रकार की मदद छात्रों के भविष्य को संवारने में ज्यादा कारगर मानी जा रही है, जबकि स्कूटी जैसे उपहारों पर सवाल उठ रहे हैं।
विधायक ने आगे घोषणा की है कि भविष्य में टॉपर छात्रों को लैपटॉप दिए जाएंगे और हवाई जहाज की सैर कराई जाएगी। लेकिन यहां भी सवाल यही है कि क्या ये कदम छात्रों के शैक्षिक विकास में कोई ठोस योगदान देंगे, या फिर यह केवल चुनावी हथकंडों का हिस्सा हैं?
आलोचकों का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की जरूरत है, न कि ऐसी घोषणाओं की, जो महज आकर्षक लगती हैं लेकिन छात्रों के वास्तविक भविष्य पर कोई प्रभाव नहीं डालतीं।