अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) ने सुनाया फैसला।
गरियाबंद @ लोकेश्वर सिन्हा। नाबालिक के साथ बलात्कार जैसी संगीन वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक द्वारा उसकी निर्मम हत्या कर दी गई थी। अब आरोपी अंतिम सांस तक जेल में बंद रहेगा।
न्यायालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक थाना गरियाबंद के अपराध क्रमांक 250/2018 पाक्सो प्रकरण क्रमांक 27/2021 में निर्णय दिनांक 07 सितंबर 2023 गुरुवार को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक विशेष न्यायालय (पाक्सो एवं बलात्कार मामले) न्यायाधीश यशवंत वासनीकर गरियाबंद द्वारा बलात्कार एवं हत्या के आरोपी को विभिन्न धाराओं में दोषसिद्ध पाते हुए मुख्य आरोपी नितिन यादव पिता आनंद राम यादव उम्र 23 वर्ष साकिन दर्रापारा थाना गरियाबंद, जिला गरियाबंद को धारा 376 (3) भा.दं.संहिता के अपराध में आजीवन कारावास शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से धारा 363 भा.दं.संहिता में दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 302 भा.दं.संहिता के अपराध में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 201 सहपठित धारा 34 भारतीय दंड संहिता में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए का अर्थदंड एवं अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 (2)(V) के अपराध में आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं सह आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश पिता गोरेलाल नागेश उम्र 22 वर्ष साकिन डाकबंगला पारा थाना गरियाबंद, जिला गरियाबंद को धारा 201 भा.दं.संहिता के अपराध में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है।
अभियोजन का मामला इस प्रकार है कि पीड़िता की मां ने पुलिस थाना गरियाबंद में सूचना दिया कि दिनांक 19 अक्टूबर 2018 को वह काम करने गई थी, नाबालिक पीड़िता घर में थी। दोपहर 01:20 बजे घर वापस आई तो घर में पीड़िता नहीं थी, तब आसपास पतातलाश किए कहीं पता नहीं चला। पुलिस थाना गरियाबंद द्वारा पीड़िता की गुम इंसान कायमी पश्चात अज्ञात आरोपी के विरुद्ध प्रथम सूचना पत्र क्रमांक 250/2018 अंतर्गत धारा 363 भा.दं.संहिता पंजीबद्ध किया जाकर विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान पीड़िता/मृतिका का शव बरामद कर पोस्टमार्टम पश्चात शव को उसके परिजन को सुपुर्द कर अग्रिम कार्यवाही करते हुए दिनांक 22 अक्टूबर 2018 को आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू का मेमोरेंडम कथन गवाहों के समक्ष लेखबद्ध कर आरोपी के बताए अनुसार एक नग रापा, एक जोड़ी पीड़िता/मृतिका की चप्पल गवाहों के समक्ष जप्त किया गया था। तथा आरोपी नीलकंठ के बताए अनुसार उनके डाकबंगला घर से पीड़िता/मृतिका की एक जोड़ी पायल तथा घटना के समय पहने आरोपी के फूल शर्त गवाहों के समक्ष जप्त किया था। विवेचना के दौरान दिनांक 22 अक्टूबर 2018 को आरोपी नितिन यादव का मेमोरेंडम कथन गवाहों के समक्ष लेखबद्ध किया जाकर आरोपी के बताए अनुसार आरोपी के मकान दर्रापारा से पीड़िता/मृतिका के कुछ कपड़े गवाहों के समक्ष जप्त किया गया था। प्रकरण की सम्पूर्ण विवेचना पश्चात आरोपियों के विरुद्ध धारा 363, 376 (3), 302, 201, 34 भा.दं.संहिता एवं धारा 6 पाक्सो एक्ट तथा धारा 3 (2) (V) अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया था।
उक्त प्रकरण में माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय विशेष न्यायाधीश यशवंत वासनीकर के न्यायालय में ट्रायल प्रारंभ हुई। अभियोजन द्वारा उक्त प्रकरण में कुल 21 साक्षियों का कथन कराया गया। प्रकरण में आए मौखिक एवं दस्तावेजी साक्ष्य के आधार पर माननीय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशेष न्यायालय गरियाबंद द्वारा आरोपियों को दोषसिद्ध पाते हुए आरोपी नितिन यादव को धारा 376 (3) भा.दं.संहिता में आजीवन कारावास जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी तथा उसे शेष प्राकृतिक जीवन काल के लिए कारावास होगा एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से, धारा 363 भा.दं.संहिता में दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 302 भा.दं.संहिता में आजीवन कारावास एवं दो हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 201 भा.दं.संहिता में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड एवं धारा 3 (2)(V) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम में आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। वहीं सह आरोपी नीलकंठ उर्फ नीलू नागेश को धारा 201 भा.दं.संहिता के अपराध में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक जनक राम साहू ने पैरवी की है।