फरसाकानी महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में मिलेट प्रसंस्करण कार्य प्रारंभ
समूह के सदस्यों एवं ग्रामीणों ने प्रशिक्षण लेकर उत्पादन कार्य कर दी है शुरुआत, आटा, मैदा सूजी उत्पादन के साथ-साथ मिलेट पास्ता एवं टाऊ प्रसंस्करण पर किया जा रहा है कार्य, अब तक 4 लाख 50 हजार रुपए के मल्टीग्रेन आटा, मैदा और पास्ता का हो चुका है विक्रय
जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ शासन की विभिन्न महत्वाकांक्षी योजना से जिले में विभिन्न गतिविधियॉ संचालित की जा रही है और महिलाओं एवं ग्रामीणों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने के लिए निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो इस हेतु गौठानों में रीपा के तहत् अनेक मल्टीएक्टीविटी की जा रही है और स्थानीय महिलाओं को समूह के रूप में विकसित कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है, साथ ही प्रशिक्षण पश्चात् रोजगार जोड़ा जा रहा है।
इसी कड़ी में कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के दिशा-निर्देश एवं सीईओ जिला पंचायत जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में कुनकुरी विकासखंड के फरसाकानी महात्मा गांधी ग्रामीण उद्योगिक पार्क में समूह के सदस्य एवं ग्रामीणों द्वारा उत्कृष्ट अधोसंरचना निर्माण के साथ विभिन्न गतिविधि कर आय अर्जन कर रहे हैं। इनके द्वारा ऑटा, मैदा सूजी उत्पादन के साथ-साथ मिलेट पास्ता एवं टाऊ प्रसंस्करण पर कार्य किया जा रहा है। इस विभिन्न गतिविधि जैसे वर्ष 2023 को भारत सरकार ने मिलेट वर्ष के रूप में घोषित किया है एवं मिलेट प्रसंस्करण पर एक नया आयाम जोड़ने हेतु कुनकुरी विकासखंड के समूह सदस्यों एवं ग्रामीणों ने उक्त गतिविधियो में प्रशिक्षण लेकर उत्पादन कार्य की शुरुआत कर दी है।
उल्लेखनीय है कि जशपुर जिले में टाऊ की खेती एवं मिलेट जैसे रागी, कोदो ,कुटकी आदि का उत्पादन बहुतायत में होने की वजह से मिलेट प्रसंस्करण कार्य को सराहा जा रहा है। प्रशिक्षण एवं बेहतर मशीन चालन हेतु तकनीकी सहयोगी संस्था वैदिक वाटिका जशपुर का सहयोग लेकर महिला कृषक, समूह की महिलाएं एव पुरुष वर्ग का सम्मिलित होकर एवं गतिविधि में शामिल होकर उत्पादन अर्जन मे आगे आना एक नहीं मिशाल साबित हो रहा है। वर्तमान में 4.5 लाख रुपए का मल्टीग्रेन आटा, मैदा और पास्ता की बिक्री हो चुका है। आटा का उत्पादन कर सी-मार्ट के माध्यम से विभिन्न छात्रावासों में आपूर्ति की जा रही है जिसका सीधा लाभ महिला समूह को प्राप्त हो रहा है। विभिन्न गतिविधियों के समुचित संचालन हेतु उत्तम विद्युत व्यवस्था, जल व्यवस्था, सुगम शेड व्यवस्था प्रदान कर कार्य किया जा रहा हैं। मिलेट पास्ता निर्माण एवं ताऊ प्रसंस्करण पर बेहतर प्रशिक्षण हेतु तकनीकी संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। वर्तमान में 30 स्वयं सहायता समूह सदस्य एवं 10 पुरुष कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिला दल एवं तकनीकी सहयोगी संस्था उत्पादित वस्तुओं के बेहतर पैकिंग एवं ब्रांडिंग पर कार्य कर रही हैं।