मरकाम अपने तानाशाह का मुकाबला कर आदिवासी पुरुषार्थ का परिचय दें- नारायण चंदेल

भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने की गारंटी पर कांप उठी कांग्रेस

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तानाशाह बताने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम से कहा है कि वे देश के प्रधानमंत्री पर बेहूदा बयानबाजी करने की बजाय प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तानाशाही का मुकाबला कर आदिवासी पुरुषार्थ का परिचय दें। तानाशाह और भ्रष्टाचार के प्रतीक भूपेश बघेल और हिटलर की मौसी बनीं सैलजा के सामने मरकाम का हथियार डाल देना सही नहीं है। उन्हें ऐसे ऊल जुलूल बयान देकर कुछ भी हासिल नहीं होगा। सैलजा और बघेल उन्हें बस नाम का मुखिया बनाये रखेंगे और ऐसे ओछे बयान देने के लिए ही इस्तेमाल करेंगे। मरकाम को इससे बचना चाहिये और आदिवासी अस्मिता के लिए इन दोनों से लड़ना चाहिये।

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि भूपेश बघेल की एक डांट फटकार पर सहम जाने वाले मरकाम, अपने फैसलों को सैलजा द्वारा रद्दी कागज बना देने पर डर जाने वाले मरकाम उस शख्सियत को डरा सहमा बता रहे हैं, जिसके सामने सारी दुनिया सम्मान से सिर झुकाती है और जिसकी लोकप्रियता से घबराकर राजनीति के तमाम सांप, छछूंदर, चूहे, बिल्ली, बंदर, भालू, सियार, लड़इये एक घाट पर फोटो खिंचवा रहे हैं। डरा हुआ कौन है, सहमा हुआ कौन है, यह छत्तीसगढ़ की जनता देख रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता को लूटने वालों को उनकी सही जगह भेजने की गारंटी दे दी, भ्रष्टाचार के दरख्तों को उखाड़ फेंकने की गारंटी दे दी तो जनता खुश है और गुनाहों के पैरोकार थर थर कांप रहे हैं। कांग्रेस इसलिए सहमी हुई है कि नेशनल हेराल्ड मामले में उसके मालिकान जमानत पर हैं। एक न एक दिन उन्हें करनी का फल प्राप्त होना ही है। भूपेश बघेल इसलिए सहमे हुए हैं कि सारे देश के घोटालों के साथ ही छत्तीसगढ़ के हर घोटाले पर भी मोदी की नजर है क्योंकि वे मनरेगा से लेकर किसी भी तरह के घोटालेबाज को न बख्शने की गारंटी दे रहे हैं तो छत्तीसगढ़ के घोटालेश का सहमना स्वाभाविक है। वे खुद कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं तो मरकाम को मोहरा बनाया जा रहा है। मरकाम को यह समझना चाहिए कि कांग्रेस के तानाशाह उनके कंधे का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।

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