सुकमा @ बालक राम यादव। जिले के कोंटा विधानसभा में अगले दो महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव जैसे जैसे नजदीक पहुंच रही हैं। राजनितिक गलियारों में चुनावी मुड़ सरगर्मी तेज होती जा रही है। इसी बीच पुलिस भी गस्त को भी अधिक मजबूत कर रही है। और पुलिस और नक्सलियों बीच मुठभेड़ भी हो रही है। दरअसल सीपीआई को एक बड़ा मुद्दा मिल रहा है।
पिछले 05 सितंबर को हुईं मुठभेड़ को फर्जी बताया जा रहा है। इसी बीच मुलवासी बचाओ मंच ने आक्रोश में आकर ताड़मेटला मे 13 सितंबर को विशाल विरोध प्रदर्शन जन सभा आयोजित किया गया। सुत्रो से मिली जानकारी के अनुसार आसपास के ग्रामीणों ने फर्जी मुठभेड़ को लेकर हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ने की खबर मिली इसी बीच सीपीआई नेता पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने उक्त सभा को संबोधन करने के लिए सुकमा से पत्रकारों के साथ रवाना हुए, लेकिन पुलिस जवानों ने चर्चिग करना एवं आरोपी नहीं होने का हवाला देते हुए मनीष कुंजाम को उक्त सभा में नहीं जाने को कहा गया लेकिन एक एक कैंप में आधे आधे घंटे रोकने के बावजूद भी पांच से छह कैंप से निकल चुके थे। लेकिन पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण को मनीष कुंजाम ने फोन से कहा चुनाव का समय है। जाने दीजिए भारी गुहार लगाने के बावजूद भी नहीं जाने को कहा गया और पुलिस अधीक्षक ने मनीष से कहा एक दो दिन बाद जाने दिया जाएगा जा सकतें हैं। हताश निराश होकर मनीष को वापस लौटना पड़ा। मनीष कुंजाम ने इसी बीच पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि,ताड़मेटला मे जो कथित मुठभेड़ हुई थी जिसके चलते पुलिस वहां जाने नहीं दे रही है।जगह जगह कैंपों पर रोका गया अभी समय भी 4.30 बजने को हैं। हातास परेशान होकर पुलिस अधीक्षक को फोन से बात किया लेकिन जाने नहीं दे रहे हैं। ताड़मेटला सड़क है, वहीं पर कुछ लोग आने वाले हैं, वही सड़क पर उनसे चर्चा करने के लिए जाना था। अभी चुनाव का समय है। दरअसल राजनीति मंशा से नहीं जाने दिया जा रहा। लेकिन जाएंगे और जाते रहेंगे सुकमा कलेक्टर का जब अपहरण हुआ था तो दवाई पहुंचाने गया था। तभी तो कोई दिक्कत नही हुईं थीं मगर आज कैसे दिक्कत हो रही है। माओवादियों के गढ़ में गया था और सरकार का ही काम करने गया था। आज माओवादियों की तरफ़ से धमकी या कोई चिट्ठी नहीं आईं हैं। मुझे जाने देना चाहिए था।