महादेव एप मामला : ईडी की चार्जशीट में आया पूर्व सीएम बघेल का नाम
रायपुर। महादेव सट्टेबाजी एप मामले में फिर एक नया मोड़ आया है। इस केस में गिरफ्तार कथित कूरियर का दावा है कि वह अपने दिए पुराने बयान ‘छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री बघेल को नकदी “डिलीवर” करने के लिए भेजा गया था’ पर कायम है। इस संबंध में ईडी की ओर से कोर्ट को सूचना दी गई है कि कूरियर अपने दिए पुराने बयान पर कायम है। वहीं ईडी ने रायपुर की विशेष कोर्ट में पूरक चालान पेश किया है। इसमें ईडी ने 5 लोगों को आरोपी बनाया है। इस पूरक चालान में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नाम आया है।
ईडी के सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ने महादेव बेटिंग एप के मामले में एक पूरक चालान कोर्ट में पेश किया है। इसमें 5 और लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें शुभम सोनी, अमित कुमार अग्रवाल, रोहित गुलाटी, भीम सिंह और असीम दास शामिल हैं। शुभम सोनी वही है जिसने विधानसभा चुनाव के दौरान पहले ईडी को ईमेल करके खुद को महादेव एप का मालिक बताया था। सोनी ने बाद में वीडियो भी जारी किया, जिसमें उसने तत्कालीन सीएम बघेल और उनसे जुड़े लोगों के साथ ही एक आईपीएस अफसर का भी नाम लिया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 1 जनवरी को रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी दूसरी चार्जशीट में कहा था कि दास ने 12 दिसंबर को एक नया बयान दर्ज कराया था, जिसमें वह अपने पुराने बयान से मुकर गया था। उसका 3 नवंबर को दिया बयान किसी प्रभावशाली व्यक्ति के दबाव में दिया गया था, जो दास के वकील के साथ आया था।” अब इस मामले में ईडी ने उम्मीद जताई है कि रायपुर कोर्ट 10 जनवरी को इस पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेगी। ईडी ने अपनी नई चार्जशीट में कहा कि उसने पीएमएलए के प्रावधानों के तहत दुबई स्थित 99.46 करोड़ रुपये के एक फ्लैट और एक प्लॉट को जब्त किया है, क्योंकि उसने उसे जब्त करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी थी।
क्या था मामला
विधानसभा चुनाव 2023 के पहले चरण से ठीक पहले नवंबर में रायपुर के एक होटल से कूरियर असीम दास को गिरफ्तार किया था। उस दौरान उसने दावा किया था कि जब्त 5.39 करोड़ रुपये महादेव एप प्रमोटरों की ओर से छत्तीसगढ़ में आगामी चुनाव खर्चों के लिए एक राजनेता ‘बघेल’ तक पहुंचाने के लिए दी गई थी। बाद में वह अपने बयान से मुकर गया था। इतना ही नहीं उसने कोर्ट में आरोप लगाते हुए कहा था कि उसे इस मामले में उसे साजिशन फंसाया गया था। उसे जबरन अंग्रेजी भाषा में लिखे एक बयान पर हस्ताक्षर लिया गया था, जबकि उसे यह भाषा ही नहीं आती।
उसने अदालत में सुनवाई के दौरान कहा कि उन्होंने कभी राजनेताओं को कैश नहीं पहुंचाया और उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। दास ने जेल में ईडी के डायरेक्टर और दूसरे बड़े अधिकारियों को लिखे लेटर में कहा कि उसे पर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं। उसने अपनी गिरफ्तारी की परिस्थितियों के बारे में लेटर में जानकारी दी थी। हालांकि दास का बयान ईडी के बयान के विपरीत है। दास ने कहा था कि उसे रायपुर एयरपोर्ट से एक कार लेने के लिए कहा गया था और अज्ञात व्यक्ति ने कार में बैग में नगदी रखे थे। उसने आरोप लगाते हुए कहा था कि इस वीडियो के आने के बाद उसे हिरासत में लिया गया था और बाद में उसे एहसास हुआ कि घोटाला में फंसाया जा रहा है।