बारूद फैक्ट्री में हुए विस्फोट की मजेस्ट्रियल जांच शुरू

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के पिरदा गांव के स्पेशल ब्लास्ट (बारूद फैक्ट्री) में हुए विस्फोट की मजेस्ट्रियल जांच शुरू हो गई है। इसके लिए अनुविभागीय अधिकारी पिंकी मनहर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। शासन की ओर से 45 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट पेश करने के लिए निर्देशित किया गया है। वहीं, पूरी जांच के लिए तीन प्रमुख बिंदु तय किए गए हैं। जिसमें विस्फोट का कारण, फैक्ट्री में सुरक्षात्मक उपाय यानी कि लाइसेंस, भंडारण, उपयोग, अग्निशमन सहित अन्य सभी सुरक्षा के पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा, जबकि तीसरा बिंदु इस पूरे विस्फोट के लिए किसे उत्तरदायी माना जाए पूरी जांच इन्हीं तीन प्रमुख बिंदुओं के बीच रहेगी। इसके अलावा जांच अधिकारी या मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कोई अन्य बिंदु जिस पर जांच जरूरी हो, उसे भी शामिल करने का अधिकार दिया गया है। 

अनिवभागीय अधिकारी पिंकी मनहर ने बताया कि इस जांच के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है। विभिन्न पहलुओं पर जांच के लिए नोटिस जारी करने की प्रक्रिया की जा रही है और बुधवार से विधिवत इसकी जांच शुरू की जाएगी। इसी बीच ग्रामीण सहित पीड़ितों के स्वजन पिछले चार दिनों से लगातार फैक्ट्री के गेट के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना सहित आसपास के 22 गांवों के संगठन की ओर से भी ग्रामीणाें सहित स्वजनों को समर्थन दिया जा रहा है।

मोबाइल और बीड़ी भी हाे सकता है हादसे कारण

बारूद फैक्ट्री में ज्वलनशील पदार्थ यानी कि बीड़ी, सिगरेट, माचिस इत्यादि को प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद पहले भी कुछ कर्मचारी इन्हें लेकर अंदर जाते हुए भी पाए गए हैं। ऐसे में इस घटना के पीछे भी इन्हीं प्रतिबंधित सामग्रियों का अंदर ले जाना भी एक कारण हो सकता है। घटना के तुरंत बाद ही मृतकों को शासन की ओर से पांच लाख रुपये और प्रबंधन की ओर से दस लाख रुपये की मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए गए थे। वहीं, इस पर सहमति नहीं बनने पर प्रबंधन की ओर से 25 लाख रुपये के मुआवजे का प्रस्ताव दिया गया है। लेकिन स्वजन अब भी 50 लाख रुपये के मुआवजे को लेकर अड़े हुए हैं।

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