मडवा राखड़ डैम किसानों के लिए बना अभिशाप, खेत में खड़ी फसलें हुई बर्बाद
रिपोर्टर : मनोज शर्मा
जांजगीर-चांपा। जांजगीर-चांपा जिले के बलौदा ब्लाक अंतर्गत आने वाले ओराईकला गांव में मड़वा प्लांट के राखड़ डैम से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. हर साल बरसात के मौसम में राखड़ डैम के उपर से जाता है जिसके कारण रखड़ डैम छलक पड़ता है. उत्सर्जित राख किसानों के खेतों तक पहुंच जाता है. जिसके बाद खेतों की फसल बर्बाद हो जाती है।
इस साल भी यहां यही हाल है.मडवा पावर प्लांट से निकलने वाले राख से किसानों की फसलें बर्बाद हो राही है. हर साल बरसात के मौसम में रखड़ डैम से बहकर यह राखड पानी किसानों की खड़ी फसलों पर कहर बनकर गिरती है. कई किसान इससे इतने त्रस्त हो चुके हैं कि उन्होंने इस इलाके में अब खेती करना ही छोड़ दिया है. ओराईकला खेत में राखड़ युक्त पानी के भर जाने से खेत पूरी तरह से बर्बाद हो जाते हैं. उनमें फसल नहीं उगाई जा सकती. एक बार जब राखड़ का पानी खेतों में जाता है. तब वहां बड़े-बड़े जंगली घास उग जाते हैं. खेत उपजाऊ भी नहीं रह जाती है. इतने बड़े घास की सफाई करना भी लगभग असंभव हो जाता है. कुछ किसानों ने इन जंगली घास के कारण खेती को अलविदा कह दिया है।
ओराईकला के किसान का कहना है कि खेत में दो बार राख युक्त पानी भर चुका है. इसके बाद भी इसकी सफाई कर किसी तरह धान का रोपा लगाया. लगभग 50 हजार रुपए खर्च हो गए. अब खेत में लगी फसल समय से पहले ही लाल हो गई है. अब इसमें किसी भी तरह की पैदावार नहीं होगी. खड़ी फसल बर्बाद हो चुकी है. अगर यह फसल पककर तैयार होती तो लगभग 40 से 50 बोरे का धान उत्पादन होता।
हर साल होता है बर्बाद किसान हर साल मड़वा के राखड़ डैम से बहने वाली राख की शिकायत लेकर आते हैं. पूर्व में फसल नुकसान के एवज में किसानों को मुआवजा तक नहीं मिल पाता. हर साल यह समस्या बनी रहती है।