कवर्धा। कबीरधाम पुलिस ने 28 नवंबर को दयाल सिंह, व्याख्याता, शासकीय हाई स्कूल बेंदरची को फर्जी आदेश पत्र के माध्यम से विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) का पद हासिल करने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ थाना कोतवाली कवर्धा में अपराध क्रमांक 720/2024, धारा 336(3), 338, 340(2) BNS और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले का विवरण
मामला 19 सितंबर 2024 का है, जब दयाल सिंह ने छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय, रायपुर के नाम से एक कूटरचित आदेश पत्र तैयार किया। इस फर्जी पत्र में उसने खुद को विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) बोड़ला के पद पर नियुक्त दिखाया। इस फर्जी आदेश पत्र को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) योगदास साहू के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने इसे सत्य मानते हुए संबंधित आदेश जारी कर दिया।
बाद में आदेश पत्र की सत्यता जांचने पर यह स्पष्ट हुआ कि पत्र पूरी तरह फर्जी था। इसके बाद, डीईओ ने आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया और मामले की शिकायत थाना कोतवाली कवर्धा में दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि आरोपी ने सरकारी सिस्टम को धोखा देने और निजी लाभ के लिए यह कूटरचित दस्तावेज तैयार किया था।
पुलिस की कार्रवाई
कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) के निर्देशन में इस मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की गई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेंद्र बघेल की निगरानी में एक विशेष टीम का गठन किया गया।
एसडीओपी प्रतीक चतुर्वेदी और कोतवाली थाना प्रभारी उप निरीक्षक शांता लकड़ा की टीम ने मामले की जांच तेज करते हुए आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया। आज, दयाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस अधीक्षक का बयान
पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह (IPS) ने कहा कि यह मामला शासन और सार्वजनिक संस्थानों के साथ विश्वासघात का गंभीर उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग इस तरह के धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कार्रवाई करेगा ताकि प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे।
उन्होंने इस मामले को सुलझाने में शामिल पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस तत्परता और सतर्कता से काम करेगी।