रिपोर्टर : रवि गांधरला
बीजापुर। दक्षिण बस्तर में माओवाद प्रभावित इलाकों में करीब डेढ़ दशक पहले बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए नेशनल बेंबू मिशन की ओर से बनवाए गए पोटा केबिन शालाओं में इस समय हजारों की संख्या में बच्चों की पढ़ाई चल रही है। ऐसे ही एक पोटाकेबिन शाला आवापल्ली में बीती रात आग लग गई। आधीरात के बाद आगजनी से पूरा केंपस जलकर राख हो गया। इस कैंपस में अपनी बहन के साथ ठहर गई चार साल की लिप्सा की मौत इस आगजनी में हो गई।
यह बच्ची बीते तीन चार दिन पहले तीम्मापुर से अपनी बुआ मंजूला उईका के साथ पोटा केबिन में रूक गई थी। घटना के दौरान वह सोई हुई थी। इस पोटा केबिन में वर्तमान में 305 बच्चे हैं। जिन्हें रेस्क्यू कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है। रात करीब सवा एक बजे आगजनी की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर अनुराग पांडे के निर्देश पर दमकल वाहन समेत सारी व्यवस्था करवाई गई। बीजापुर जिले में इस समय 30 जगह पर पोटाकेबिन स्थित हैं। इनमें कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों की शिक्षा संचालित हो रही हैं।
आगजनी की इस घटना पर बेहद गंभीरता से विचार किए जाने की ज़रूरत है। शासन को अब बैंबू स्ट्रक्चर की जगह पक्के भवन बनाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए ।