रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए ज्वाइंट डायरेक्टर, आरआई और पटवारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मत्स्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर, एक राजस्व निरीक्षक (आरआई), और पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा के नेतृत्व में दर्जनभर अधिकारियों की टीम ने यह ऑपरेशन किया।

मछली पालन विभाग का ज्वाइंट डायरेक्टर गिरफ्तार

20 नवंबर को मत्स्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिंह को नया रायपुर के इंद्रावती भवन में 1 लाख रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। रायगढ़ के सहायक मत्स्य संचालक कार्यालय के एक सब-इंजीनियर ने शिकायत की थी कि विभागीय कार्य स्वीकृति के लिए 2 लाख रुपये की मांग की गई थी।

शिकायतकर्ता ने रिश्वत नहीं देने का फैसला करते हुए आरोपी को पकड़वाने की योजना बनाई। एसीबी टीम ने शिकायत के आधार पर सत्यापन किया और ट्रैप बिछाकर ज्वाइंट डायरेक्टर को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की जा रही है।

राजस्व निरीक्षक और पटवारी रिश्वत लेते पकड़े गए

राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में एसीबी ने दूसरी कार्रवाई करते हुए राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर और पटवारी धीरेन्द्र लाटा को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया।

शिकायतकर्ता संजय दिवाकर ने बताया कि कोरबा के ग्राम जमनीपाली में भूमि खरीदने के लिए सीमांकन की प्रक्रिया के दौरान राजस्व निरीक्षक ने 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी। मोलभाव के बाद पटवारी ने इसे 13,000 रुपये में तय कर लिया।

एसीबी की टीम ने सत्यापन के बाद आज ट्रैप लगाकर इन दोनों को 8,000 रुपये की दूसरी किश्त लेते हुए गिरफ्तार कर लिया।

आरोपियों की तलाशी और आगे की कार्रवाई

गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके घरों की तलाशी ली जा रही है। इन मामलों में धारा 7 और 12 पीसी एक्ट 1988 के तहत कानूनी कार्रवाई जारी है।

एसीबी की मुहिम

एसीबी चीफ अमरेश मिश्रा ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे भ्रष्टाचार की किसी भी घटना की तुरंत सूचना एसीबी को दें।

छत्तीसगढ़ एसीबी ने इस कार्रवाई से यह साफ संदेश दिया है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कठोर कदम उठाए जाएंगे।

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