रीवा। रीवा जिले के डभौरा नगर परिषद वार्ड क्रमांक 1 में जीवित व्यक्ति को मृत घोषित करने का मामला सामने आया है। प्रशासनिक उदासीनता का दंश झेल रहा यह ग्रामीण खुद को जिंदा साबित करने के लिए कई महीनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। इससे शासन प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।
डभौरा नगर परिषद वार्ड क्रमांक एक के मझियारी गांव में जीवित जगदीश कुशवाहा को मृत घोषित कर दिया। अब जगदीश कुशवाहा हाथ में मैं जिंदा हूं साहब की तख्ती लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को मजबूर है। खुद को जीवित साबित करने के लिए नगर परिषद डभौरा वार्ड क्रमांक 1 का निवासी जगदीश कुशवाहा दफ्तरों के चक्कर काट रहा है। लेकिन आज तक दस्तावेजो में वह जीवित साबित नही हो सका है। नगर परिषद वार्ड क्रमांक 1 जगदीश कुशवाहा ने बताया कि सन् 2021 से उसे मृतक घोषित किया जब मैं अपनी वृद्धा पेंशन के लिए नगर परिषद कार्यालय गया और वहां पर पदस्थ कर्मचारी द्वारा बताया गया कि तुम्हारी मृत्यु हो जाने के कारण वृद्धा पेंशन बंद कर दी है।
वहीं मृतक घोषित जगदीश कुशवाहा की पत्नी ने बताया कि लोकसभा चुनाव में और मेरे पति जगदीश कुशवाहा ने वोट भी डाला है अगर हमारे पति मृतक है तो वोट कैसे डाल लिया है दो तीन महीने से नगर परिषद कार्यालय के चक्कर काट रहे वहीं नगर परिषद के कर्मचारी कह रहे हैं कि खर्चा दो तो तुम्हारा काम हो जायेगा शासन की योजना का लाभ भी नहीं मिला है। जो मिल रहा था उसे भी बंद कर दिया है। जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया है।अब जीवित होने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं।
क्या किसी जीवित व्यक्ति को अपने आपको जिंदा साबित करना पड़ सकता है, यह सुनकर आपको अजीब सा लग रहा होगा, लेकिन ऐसा हुआ है। जगदीश कुशवाहा नामक ग्रामीण के पास उसके जिंदा होने के तमाम दस्तावेज है। जो यह प्रमाणित करते हैं कि यह व्यक्ति जिंदा है। इसके बावजूद यह व्यक्ति सरकारी कागजों में आज भी मृत है।