शिक्षक पात्रता परीक्षा में गड़बड़ी, दोषियों पर कार्यवाही करे सरकार : पूर्व मुख्यमंत्री बघेल
रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा 2024 के धमतरी जिले के केंद्र क्रमांक 1520 महर्षि वेदव्यास शासकीय महाविद्यालय, भखारा में हुई गड़बड़ी की जांच की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही करने और परीक्षार्थियों को पुनः परीक्षा का अवसर देने का अनुरोध किया है।
भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में 1.30 घंटे की देरी से ओएमआर शीट दी गई, और उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया। इससे परीक्षार्थियों को ओएमआर शीट पूरी करने का समय नहीं मिल पाया। परीक्षा केंद्र पर पर्याप्त ओएमआर शीट उपलब्ध नहीं कराए जाने की जांच की मांग भी की गई है।
परीक्षार्थियों की समस्याएं:
परीक्षा केंद्र प्रभारी ने नियंत्रक छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल, नया रायपुर को सूचित किया कि 400 परीक्षार्थियों के लिए केवल 160 ओएमआर शीट मिलीं, जबकि प्रश्न पत्र 420 प्राप्त हुए। इसके बावजूद परीक्षा नियंत्रक ने अतिरिक्त समय देने से मना कर दिया।
भूपेश बघेल ने कहा, “400 परीक्षार्थियों के साथ अन्याय हुआ है। इन्हें पुनः परीक्षा का अवसर मिलना चाहिए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।”
केंद्र सरकार की आलोचना:
भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से अघोषित आपातकाल की स्थिति है। ईडी की कार्यवाही 95 प्रतिशत विपक्षी दलों पर की गई है। किसानों के खिलाफ तीन काले कानून लाए गए, जिनसे कई किसान शहीद हुए। कांग्रेस के बैंक खातों को सीज किया गया, और चुनाव आयोग में शिकायतें भी अनसुनी रह गईं।
नीट परीक्षा और लोकतंत्र की स्थिति:
बघेल ने नीट परीक्षा में भी गड़बड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा कि न तो चेयरमैन को हटाया गया और न ही मंत्री को। उन्होंने विपक्ष को लोकसभा उपाध्यक्ष का पद न देने की भी आलोचना की।
बलौदाबाजार घटना:
उन्होंने बलौदाबाजार घटना का जिक्र करते हुए कहा कि निर्दोष लोगों को टारगेट किया जा रहा है और गिरफ्तारियां हो रही हैं। भाजपा के अघोषित सहयोगियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने मांग की कि घटना की जांच हाईकोर्ट के जज की देखरेख में होनी चाहिए।
शराब नीति:
बघेल ने शराब नीति पर भी भाजपा सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने शराब नीति में बदलाव नहीं किया था, और मौजूदा सरकार ने टेंडर निरस्त कर दिए, जो पहले की सरकार में हुए थे।
भूपेश बघेल ने अंत में कहा कि प्रधानमंत्री ने विपक्ष से सकारात्मक भूमिका की अपेक्षा की, लेकिन खुद मान्य परंपराओं का पालन नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए की सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है और विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने की परंपरा को तोड़ दिया है।