लंदन की रेलवे धरोहर किंग क्रॉस से मिलती है प्रेरणाः मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लंदन में किंग्स क्रॉस पुनर्विकास परियोजना का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने ‘रिलेटेड आर्जेंट’ के टॉम गुडॉल से मुलाकात की और लंदन के शहरी नवीनीकरण, विरासत संरक्षण और आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को सतत और समावेशी शहरी विकास के लिए वैश्विक विशेषज्ञता और सहयोग की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल लंदन के प्रतिष्ठित किंग्स क्रॉस स्टेशन और उसके आसपास के क्षेत्र का दौरा कर रहा है। इस दौरे का उद्देश्य राज्य की अधोसंरचना और शहरी विकास योजनाओं के लिए जरूरी जानकारी प्राप्त करना है। लगभग 170 साल पुराना किंग्स क्रॉस स्टेशन विक्टोरिया युग की भव्यता और आधुनिक नवाचार के संगम की अद्वितीय मिसाल है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किंग्स क्रॉस साइट से मध्यप्रदेश के सस्टेनेबल शहरी विकास के लिए महत्वपूर्ण सीख और प्रेरणा मिलती है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “यह दौरा केवल रेलवे अवसंरचना का अध्ययन नहीं है। किंग्स क्रॉस यह दर्शाता है कि कैसे सार्वजनिक-निजी साझेदारी, स्थायी डिज़ाइन और स्मार्ट सिटी समाधान के माध्यम से परिवहन केंद्र व्यापक शहरी पुनर्जागरण को प्रोत्साहित कर सकते हैं।” मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उम्मीद जताई है कि प्रतिनिधिमंडल को मिली यह सीख मध्यप्रदेश को विश्व स्तरीय अधोसंरचना विकसित करने में मदद करेगी। इससे प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए भविष्य के विकास की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि यह दौरा राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।
प्रतिनिधिमंडल ने मध्यप्रदेश के विकास को ध्यान में रखते हुए किंग्स क्रॉस साइट का बारीकी से अध्ययन किया। प्रतिनिधि मंडल ने वर्ष 1852 में बने ऐतिहासिक बार्लो शेड और आधुनिक ग्लास कॉन्कोर्स के सफल एकीकरण का भी अध्ययन किया और जाना कि कैसे ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करते हुए विकास की आधुनिक आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सकती है। यह अध्ययन मध्यप्रदेश के रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के प्रयासों के लिए बेहद प्रासंगिक है।
किंग्स क्रॉस के परिवहन हब के रूपांतरण से सीख लेते हुए, प्रतिनिधिमंडल यह अध्ययन करेगा कि इंदौर, भोपाल और ग्वालियर जैसे शहरों में समेकित परिवहन नेटवर्क कैसे विकसित किए जा सकता हैं। स्टेशन की विशाल यात्री संख्या को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने और सार्वजनिक स्थलों पर रिटेल और भोजन जैसी व्यवस्थाओं को किस तरह से समायोजित किया जा सकता है।