छत्तीसगढ़ के नव साक्षर व स्वयंसेवी शिक्षकों की नवाचारों को मिली राष्ट्रीय स्तर पर सराहना
रायपुर। छत्तीसगढ़ के नव साक्षर शिक्षार्थी और स्वयंसेवी शिक्षकों ने मिलकर सीखने और सिखाने की एक नई पद्धति विकसित की है, जिसकी सराहना भारत सरकार की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी ने की। भोपाल में राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षण प्रशिक्षण अनुसंधान संस्थान में आयोजित उल्लास क्षेत्रीय सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। जहां एक ओर नवाचारी गतिविधियों की शानदार प्रस्तुति दी गई, वहीं कठपुतली कला के माध्यम से अक्षर और शब्दों की विभिन्न आकृतियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, एनसीईआरटी की प्रोफेसर उषा शर्मा, और राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण के डायरेक्टर राजेंद्र कुमार कटारा के नेतृत्व में यह दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के शिक्षार्थियों और स्वयंसेवी शिक्षकों ने शिक्षण में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए बेहतरीन उपाय सुझाए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में भी छत्तीसगढ़ का वर्चस्व देखने को मिला।
छत्तीसगढ़ की टीम ने मंच पर अपने सेल्फ-टीचिंग लर्निंग मटेरियल का प्रदर्शन किया, जिसकी सभी राज्यों ने प्रशंसा की। सम्मेलन के दौरान ‘छत्तीसगढ़ महतारी वंदन‘ और ‘हाय रे सरगुजा नाचे‘ जैसे छत्तीसगढ़ी गीतों पर शानदार नृत्य प्रस्तुत किए गए, जिसने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। छत्तीसगढ़ के स्वयंसेवी शिक्षकों और नव साक्षर शिक्षार्थियों ने अपनी चुनौतियों और सफलता की कहानी साझा की। इस सम्मेलन में उल्लास नोडल अधिकारी प्रशांत पांडेय, प्रभारी डेकेश्वर वर्मा, तस्कीन खान, हेमधर साहू, किरण खलको, निर्जला धीवर, श्रुति तिवारी और अन्य प्रतिभागियों ने भाग लिया।