ब्रम्हास्त्र और जीवामृत की बिक्री से समूहों को 60 लाख की आय
रायपुर। गौमूत्र से तैयार जैविक कीटनाशक और फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत की बिक्री से महिला स्व-सहायता समूहों को 60 लाख 4 हजार 150 रूपए की आय अर्जित हो चुकी है। गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र खरीदकर महिला स्व-सहायता समूहों इससे लगातार ब्रम्हास्त्र और जीवामृत तैयार कर रहे है, जिसे किसानों को रियायती दर पर किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। किसान अब महंगे रासायनिक पेस्टिसाइट के बदले जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और जीवामृत का उपयोग खेती में करने लगे हैं।
गौठानों में अब तक 2 लाख 31 हजार 933 लीटर गौमूत्र क्रय किया गया है, जिसका मूल्य 9 लाख 27 हजार 732 रूपए है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा गौमूत्र से अब तक 99,335 लीटर कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 35,385 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत का उत्पादन किया जा चुका है, जिसका विक्रय किया जा रहा है। राज्य के किसानों द्वारा अब तक 95509 लीटर जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र और 33638 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत क्रय कर खेती में उपयोग किया गया है, जिससे समूहों को कुल 60 लाख 4 हजार 150 रूपए की आय हुई है।