कलश यात्रा के साथ बोरियाखुर्द में 3 दिवसीय 21 कुण्डीय गायत्री यज्ञ का शुभारंभ
रायपुर। अखिल विश्व गायत्री परिवार के मार्गदर्शन व संरक्षण में बोरियाखुर्द में शुक्रवार को कलश यात्रा के साथ तीन दिवसीय 21 कुंडीय गायत्री महायज्ञ की शुरूआत हुई। गायत्री परिवार से जुड़े लोगों के अलावा बड़ी संख्या में नगर तथा आसपास के क्षेत्र से आये श्रद्धालु सहित तमाम प्रतिनिधि कलश यात्रा में शामिल हुए।
251 महिला एवं युवतियों ने कलश के साथ यज्ञस्थल से पैदल चलकर, श्रीराम चौक, झंडा चौक, मोतीनगर, श्रीराम चौक होकर गजराज बांध पहुंची। गजराज बांध के मुख्य घाट में कलश में जल भरकर गणपति पूजन, वरुण पूजन व गंगा आरती किया गया इसके पश्चात सभी महिलाएं व युवतियां कलश को सिर में रखकर पुराना धमतरी रोड से कमल होटल होते हुए यज्ञ स्थल पहुंची। यहां वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यज्ञस्थल में कलश की स्थापना आद्य शक्ति, युग शक्ति पर संगीत व प्रवचन, प्रसाद वितरण हुआ। महायज्ञ को लेकर यज्ञस्थल को आकर्षक तरीके से सजाया गया है।
गायत्री परिवार के जिला समन्वयक लच्छुराम निषाद, संयोजक मोहनलाल साहू, आयोजक मण्डल से ऋषि साहू व मीडिया प्रभारी प्रज्ञा प्रकाश निगम ने बताया कि कलश यात्रा के पूर्व दोपहर में यज्ञ स्थल पर गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा चलाये गये सप्तसूत्रीय आंदोलन – साधना, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन, नारी जागरण, पर्यावरण, व्यसन मुक्ति एवं कुरीति उन्मूलन की प्रदर्शनी व साहित्य स्टॉल का लोकार्पण किया गया। 29 नवम्बर से 01 दिसम्बर तक चलने वाले तीन दिवसीय महायज्ञ का सम्पूर्ण कार्यक्रम गायत्री परिवार की क्षेत्रीय टोली द्वारा संपन्न कराया जा रहा है।
द्वितीय दिवस 30 नवम्बर को प्रातः 8 बजे दोपहर 2 बजे तक देव पूजन, यज्ञ का ज्ञान-विज्ञान संदेश, गायत्री महायज्ञ एवं विविध संस्कारों – पुंसवन, नामकरण, अन्नप्राशन, मुण्डन, कर्णछेदन, विद्यारम्भ यज्ञोपवित, गुरु दीक्षा, जन्मदिवस विवाह दिवस इत्यादि का निःशुल्क आयोजन तथा शाम 4 बजे शाम 6 बजे तक संगठनात्मक कार्यकर्ता गोष्ठी, नारी शक्ति सम्मेलन, गीत-संगीत, प्रज्ञा प्रवचन, नारी सशक्तिकरण पर विशेष उद्बोधन, राष्ट्र जागरण, दीप महायज्ञ होगा। कार्यक्रम के अंतीम व तृतीय दिवस 1 दिसम्बर को प्रातः 6 बजे ध्यान साधना, प्रज्ञायोग तथा प्रातः 8 बजे से दोपहर 2 बजे गायत्री महायज्ञ, विविध संस्कार, पूर्णाहुति एवं प्रसाद वितरण होगा।