आगामी खरीफ सीजन में किसानों से बायोमेट्रिक व्यवस्था से होगी धान की खरीदी
प्रदेश में 1 नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी, प्रदेश के किसानों से खरीदा जाएगा प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान
रायपुर। खाद्य मंत्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आगामी खरीफ विपणन वर्ष की धान खरीदी एवं कस्टम मीलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने हेतु गठित मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कृषि मंत्री ताम्रध्वज साहू वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घोषणा की अनुरूप छत्तीसगढ़ में पंजीकृत किसानों से आगामी खरीफ विपणन वर्ष 2023-2024 में 20 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी का निर्णय लिया गया। पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी 1 नवंबर से धान खरीदी बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत शुरू होगी और 31 जनवरी 2024 तक चलेगा। इसी तरह मक्का खरीदी भी 01 नवंबर 2023 से ही शुरू होगी और 28 फरवरी 2024 तक चलेगी। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष में किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार द्वारा औसत अच्छी किस्म (एफएक्यू) के धान एवं मक्का के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी। धान कामन के लिए निर्धारित समर्थन मूल्य 2183 रूपए प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2203 रूपए प्रति क्विंटल के मान से धान खरीदी की जाएगी। इसी तरह मक्का प्रति क्विंटल 2090 रूपए के भाव से खरीदी की जाएगी।
मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में केंद्र सरकार से राज्य की लेनदारी के अंतर्गत केंद्र सरकार की एजेन्सी के रूप में केन्द्रीयकृत एवं विकेन्द्रीकृत योजनांतर्गत भारतीय खाद्य निगम एवं नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा किया जाता है। आज की स्थिति में जमा चावल के विरूद्ध भारतीय खाद्य निगम से 2205.30 करोड़ एवं नागरिक आपूर्ति निगम की केंद्र सरकार से 4195 करोड़ रूपए सहित कुल राशि 6400.30 करोड़ रूपए लेनदारी केंद्र सरकार से शेष है। जिसमें पत्र लिखकर लेनदारी की राशि के लिए अनुग्रह करने का निर्णय लिया गया है।
बैठक में खाद्य विभाग भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के तारतम्य में छत्तीसगढ़ प्रदेश में आगामी खरीफ वर्ष 2023-24 में बायोमेट्रिक आधारित धान खरीदी व्यवस्था लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। अभी तक प्रदेश के लगभग 05 लाख किसानों के पंजीयन का कार्य पूर्ण हो चुका है। बायोमेट्रिक धान खरीदी व्यवस्था के संबंध में किसानों को जानकारी देने हेतु व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए है। बैनर और पोस्टर समिति स्तर पर लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा कृषि एवं सहकारिता से संबंधित संगठनों की बैठक लेकर किसान पंजीयन की जानकारी देने के निर्देश दिए गए है।
मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में प्रदेश में किसानों के धान विक्रय में सहुलियत को ध्यान में रखते हुए उपार्जनों केन्द्रों की संख्या लगातार वृद्धि की जा रही है। किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष और भी कुछ धान उपार्जन केंद्र खुलेंगे। वर्तमान में 2617 धान उपार्जन केंद्र संचालित है। विगत वर्ष राज्य के 24.96 लाख किसानों ने पंजीयन करवाया था, जिसका रकबा 32.15 है।
राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों और फैसलों के चलते गत वर्ष लगभग ढाई लाख नवीन किसानों ने पंजीयन करवाया था और किसानों से रिकॉर्ड 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस वर्ष भी किसानों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। राज्य सरकार द्वारा किसानों से 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित की लक्ष्य के मद्देनजर बारदाने एवं खरीदी व्यवस्था दुरूस्त किए जा रहे हैं। पिछले वर्ष धान खरीदी के लिए बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी। साथ ही ऑनलाईन एवं ऑफलाईन टोकन व्यवस्था के चलते सफलतापूर्वक धान खरीदी हुई थी। इस वर्ष भी धान खरीदी के अनुमानित लक्ष्य के अनुसार लगभग साढ़े सात लाख गठान जूट बारदाने की आवश्यकता होगी। इसमें 4.03 लाख नए और 3.43 लाख गठान पुराने बारदाने की जरूरत पड़ेगी। बारदाने की व्यवस्था के लिए खाद्य विभाग द्वारा पहले से ही तैयारी की जा रही है।
बैठक में अधिकारियों ने चर्चा के दौरान बताया कि अनुमानित धान खरीदी के लिए सहकारी समितियों में धान खरीदी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही है। इसमें किसानों के पंजीयन से लेकर बारदाने की व्यवस्था, खरीदी केन्द्रों में किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं, भुगतान की व्यवस्था आदि का संधारण कार्य किया जा रहा है।