कोण्डागांव @ रूपेंद्र कोर्राम। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के इशारे पर शिक्षा संभागीय संयुक्त संचालकों द्वारा पदोन्नति स्थान में संशोधित शिक्षकों के प्रति संशोधन निरस्ती आदेश पश्चात एकतरफा कार्य मुक्ति पर यह विभाग का षड्यंत्र एवं अत्याचार पूर्ण कार्यवाही लगातार जारी है, विकासखंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जन शिक्षकों एवं प्रभारी प्रधान पाठकों के माध्यम से पद स्थापना में संशोधित शिक्षकों एवं प्रधान पाठकों को बिना सूचना के बेक डेट से पाठकान एवं उनकी सेवा पुस्तिका में एक तरफा कार्य मुक्ति को लेकर लिपिबद्ध किये जा रहे हैं । जो घोर निंदनीय हैं, विभाग द्वारा एक तरफा कार्य मुक्ति का षड्यंत्र पूर्ण खेल इसलिए की जा रही है क्योंकि माननीय न्यायालय के आदेश पर शिक्षा विभाग अपनी झूठे एवं फरेब पूर्ण जवाब प्रस्तुत कर विभागीय पक्ष को पुष्ट कर सके ।
छत्तीसगढ़ संकुल समन्वयक शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र सोनवंशी द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर संयुक्त रूप से बताया गया कि पदोन्नति स्थान में संशोधित शिक्षक एवं प्रधान पाठकों को मा. उच्च न्यायालय द्वारा संशोधित शाला मे यथावत बने रहने स्थगन प्राप्त होने के फलस्वरूप भी शिक्षा विभाग द्वारा जबरदस्ती षड्यंत्र पूर्ण एक तरफा कार्य मुक्ति शिक्षकों के लिए प्रताड़ना एवं अत्याचार पूर्ण कार्यवाही है जिससे प्रभावित शिक्षकों में घोर निराशा, अवसाद एवं विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है, विभाग द्वारा षड्यंत्र पूर्ण कार्यवाही से प्रभावीत शिक्षक कहीं बगावत पर ना उतर आएं । यदि ऐसा होता है तो यह शिक्षा विभाग का वातावरण उन्माद पूर्ण हो सकता है।
ज्ञातब्य हो कि संशोधन निरस्ती से प्रभावित शिक्षकों को बिना सूचना, बिना सहमति,10दिवस का निर्धारित समय से पूर्व एकतरफा कार्यमुक्त किया जाना एवं प्रभावित शिक्षकों का कार्यभार ग्रहण नही किए जाने कि स्थिति मे मा. न्यायालय का स्थगन आदेश से स्पष्ट होता है कि प्रभावित शिक्षक अपने संशोधित संस्था मे यथावत बने रहेंगे, किन्तु शिक्षा विभाग के आला अधिकारी संविधान एवं मा.न्यायालय के पारित आदेश से भी अपने आपको बढ़कर मानने लगे हैँ, इनके अहंकार पूर्ण निर्णय से प्रदेश के शिक्षा विभाग के कर्मचारी एवं शिक्षक सख्ते मे हैँ ऐसे कार्य आदेशों से शिक्षा ब्यवस्था मे प्रतिकूल असर हो रहा है ऐसी विषम परिस्थिति मे सरकार द्वारा संज्ञान लेकर शिक्षा ब्यवस्था को सुचारु एवं अनुकूल बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। रामचंद्र सोनवंशी संकुल समन्वयक प्रदेश उपाध्यक्षद्वारा संयुक्त रूप से मीडिया के माध्यम से मांग कि गई है की शिक्षा विभाग, पद स्थापना मे संशोधित शिक्षकों के प्रति अपना हठ पूर्ण कार्यवाही त्यागे एवं मा न्यायालय के स्थगन आदेश पर अमल करते हुए प्रभावित शिक्षकों को उनके संशोधित शाला मे कार्यभार ग्रहण कराये।