गरियाबंद। सुपेबेडा जल प्रदाय योजना के लिए निर्माणाधीन इंटेकवेल के काफर डेम को ध्वस्त कर रेत के अवैध परिवहन के लिए नदी में रास्ता बनाया, फिर चेन माउंटेन से हाईवा कर रहा लोड। काम को रोका तो रॉयल्टी रोकने की धमकी दे डाली। भयभीत निर्माण ठेकेदार ने पीएचई को घटना की जानकारी दे कार्यवाही की मांग किया।
तेल नदी के सेनमुडा घाट में रेत माफियाओं ने रेत का अवैध परिवहन करने इंटेक वेल निर्माण के लिए बनाए गए काफर डेम को क्षतिग्रस्त कर रेत का अवैध परिवहन करना शुरू कर दिया है। सेनमूडा जल प्रदाय योजना के लिए तेल नदी पर बनाए जाने वाले इंटेक वेल के खनन के पूर्व बाहर का मिट्टी लाकर काफर डेम का निर्माण कराया गया था। महावीर बोर वेल के साइड इंजिनियर शेषनारायण द्वारा पूर्व रेत ठेकेदार के नाम से पीएचई ईई। पंकज जैन से लिखित शिकायत किया है।
बताया है आज सुबह चेन माउंटेन लेकर कुछ लोग नदी में घुसे व काफर डेम को ध्वस्त कर रेत निकासी के लिए रास्ता बना दिया। मना करने पर खुदाई करवाने के लिए पहुंचे भूते यादव नाम का युवक धमकी देता रहा। युवक अपने आप को रेत खदान मालिक का आदमी बताता रहा। शिकायत करने बात कही तो फोन से कोल कर साइड इंजिनियर को निर्माण कार्य के लिए लगने वाले रेत की रॉयल्टी रोकने की धमकी तक दे दिया गया। दबंग रेत माफियाओं ने चेन माउंटेन से आज दिन भर हाईवा भर भर के रेत का अवैध परिवहन कराया। मामले में पी एच ई,पंकज जैन ने कहा की अवैध परिवहन टास्क फोर्स बनाया गया है, उन्हें सूचना देने के अलावा कलेक्टर को पत्र लिख आवश्यक कार्यवाही के लिए निवेदन किया जाएगा।
कोई खदान अधिकृत नही, डंप पीट पास के आड में हो रहा खेल :
देवभोग तहसील में खनिज विभाग की ओर से कूम्हड़ी घाट का निविदा जारी किया गया है। परिवहन विभाग के एनओसी नही होने के कारण इस खदान की रॉयल्टी जारी नहीं किया गया है। करचिया खदान के पूर्व ठेकेदार ने रेत डंपिंग की पीट पास खनिज विभाग से बनाया हुआ है। वही से ही रेत विक्रय किया जाना बताया जाता है। साल भर रेत की भारी सप्लाई हुई, लेकिन डंपिंग रेत आज तक खत्म नही हुआ। डंप रेत के आड में इसी तरह घाट बदल बदल कर रेत का अवैध खनन व परिवहन कराया जा रहा है। जिले भर में रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है, लेकिन देवभोग कार्यवाही से अछूता है, रेत माफियाओं का हौसला बुलंद है इसलिए कर्चीया व कूम्हडाई घाट में अवैध खनन के बाद अब सेनमुड़ा घाट पर यह करतूत किया जा रहा है।
रेत का अवैध परिवहन बना रोड़ा :
लगभग 10 करोड़ लागत से सूपेबेडा जलप्रदाय योजना का काम दो माह से चालू है। महावीर बोरवेल को यह काम मिला हुआ है। सूपेबेड़ा बस्ती के ऊपर बन रहे वाटर रिमूवल प्लांट को तेल नदी से पानी सप्लाई के लिए नदी के भीतर इंटेक वेल बनाया जा रहा है। निर्माण के दौरान अचानक पानी के बहाव निर्माण क्षेत्र में ना घुसे उसके लिए 50 मीटर की परिधि में काफर डेम का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए ठेका कंपनी ने बाहर से मिट्टी लाकर नदी को तीन छोर में घेरा था, लेकिन मुख्य बंधान को तोड़ कर अवैध परिवहन के लिए रास्ता बना दिया गया। गोरतलब हो की इस घाट में इंटेक वेल के अलावा सिंचाई विभाग का डायफार्म वाल, पीएम जीएस वाय विभाग का पूल निर्माण का काम चल रहा है। ऐसे में इसी घाट पर रेत माफिया के रोड़ा से ग्रामीणों में जबर्दस्त आक्रोश देखा गया है।