अवैध शराब का सींडिकेट हुआ ध्वस्त, अब तक रिकॉर्ड तोड कार्रवाई रणनीति हुई कारगर साबित
देवभोग। अवैध शराब के बिक्री पर रोक लगाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं। स्पेशल टीम और जबरदस्त रणनीति से ध्वस्त हुआ सालों से चल रहा शराब का सींडिकेट। आबकारी गरियाबंद की मेहनत और जबरदस्त रणनीति हुई कारगर साबित।
माह अक्टूबर से 30 मार्च तक कुल 91 प्रकरण दर्ज किया गया। कुल 484.55 लीटर के साथ 5 वाहन मोटर साइकिल जब्त किया गया। कम समय में जिले में अब तक की सबसे ज्यादा कार्रवाई के रुप में देखा जा सकता है। 34 (2) के कुल 9 प्रकरण उड़ीसा प्रांत पाउच 224 लीटर 121लीटर कच्ची शराब 4 प्रकण उड़ीसा व्हिस्की और बीयर कुल 51.75 लीटर। 34 (1) क कुल 7 प्रकरण मात्रा 37.5 लीटर 2 प्रकरण उड़ीसा पाउच कुल 10 लीटर 5 प्रकरण कच्ची शराब छत्तीसगढ़ कुल 27.5 लीटर। 34 (1) डी कुल 25.50 लीटर कुल 6 प्रकरण ताड़ी। 34(1)ख कुल 3 प्रकरण कच्ची शराब कुल 12.5 लीटर। 36(च)1 कुल 30 प्रकरण 4.8 लीटर देशी प्लेन। 36(सी) कुल 31 प्रकरण 7.5 लीटर प्लेन। आबकारी की बढ़ती कार्रवाई के साथ ही अवैध शराब की चमकती सूरज अब ढलती नजर आ रही है।
सूत्रों की मानें तो 6 माह पहले क्षेत्र में प्रत्येक 5 गांव में से 2 गांव में अवैध शराब की भरपूर उपलब्धता प्राप्त हुआ करता था। लेकिन अब कुछ ऐसे ही चिन्हांकित जगह रह गए हैं जो आदतन जिनपर बार बार कार्रवाई करने के बावजूद कुछ दिनों के आड़ में शराब बेचते दिख जाते हैं, जिनके उपर आगामी दिनों में बड़ी कार्रवाई होने की खबर निकल कर सामने आ रही है। आबकारी गरियाबंद के कड़ी कार्यवाही के बाद क्षेत्र में अवैध शराब के नाम से लोकप्रिय गांव भी अब शराब मुक्त होते दिख रहा है।
देवभोग क्षेत्र के 23 गांव के शराब कोचियों का व्यापार देवभोग ब्लाक के अंग्रेजी शराब को चुनौती देती दिख रही थी। प्रति दिन 3 लाख से उपर का बिक्री होता था, लेकिन गरियाबंद आबकारी के मुस्तैदी के कारण अब पूरी की पूरी अवैध शराब का सिंडीकेट ध्वस्त हो चुका है। प्रत्येक दिन आबकारी स्पेशल टीम स्थानीय पुलिस से समन्वय स्थापित कर लगातार क्षेत्र का गहन दौरा कर जागरूकता फैलाते हुए जगह जगह छापेमारी का कार्य करते दिख रहे। जिम्मेदारों का इस तरह कार्य चलता रहा तो निश्चित रूप से क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री बंद हो सकती है।