मैं कुबेर पुत्र होता तो भाजपा में मेरी अहमियत कुछ और होती ? बार-बार उपेक्षा के शिकार एक कार्यकर्ता ने कही अपनी व्यथा
गरियाबंद @ लोकेश्वर सिन्हा । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक दलों में सक्रियता बढ़ गई है कहीं प्रत्याशियों की सूची जारी करना प्रारम्भ कर दी है तो कुछ दलें आवेदन ले रहे हैं। भाजपा ने छत्तीसगढ़ राज्य में 21 प्रत्याशी घोषित कर दिया है जिसमें राजिम विधानसभा क्षेत्र से भी घोषित किए जाने पर प्रतिक्रियाओं दौर की शुरूवात हुई है किन्तु गरियाबंद जिला मुख्यालय से भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला महामंत्री मुरलीधर सिन्हा की प्रतिक्रिया भाजपा पर अपने गरीबी पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं कुबेर पुत्र होता तो भाजपा में मेरी अहमियत कुछ और होती ?
भाजपा नेता मुरलीधर सिन्हा ने कहा कि मैं एक मीसाबंदी जनसंघी पुत्र हूँ, मेरे पिता ने अपने जीवनकाल तक जनसंघ और भाजपा की सेवा निस्वार्थ भाव से ईमानदारी के साथ कर्तब्यनिष्ठता से किया था, 1960 में प्रधानपाठक की शासकीय नौकरी को त्यागकर जनसंघ से जुड़ गए तब गरियाबंद क्षेत्र में शुक्ल परिवार (पंडित श्यामाचरण शुक्ल एवं विद्याचरण शुक्ल) का बोल-बाला था कोई आवाज नहीं उठा सकते थे तब जनसंघ के दीपक जलाया करते थे और अपने गरीबी में भी अपने पुत्र मुरलीधर सिन्हा को पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया । सन 1975 की आपातकाल में मीसाबंदी कानून में निरूद्ध किये जाने के बाद विचलित नहीं हुए और अपने पार्टी में दमखम से डटे रहे ।
श्री सिन्हा ने बताया कि वो बाल्यकाल 12 साल की उम्र से पार्टी के कार्य करते आ रहें हैं, 15 साल की उम्र में बूथ एजेंट से शुरूआत किये तो कभी रूके नहीं है आज 44 साल निरन्तर अपने संगठन में सेवा दे रहे हैं, किन्तु कभी अपने और पूर्वजों के निष्ठा पर उँगली नहीं उठने दिया । उन्होंने भाजपा पर यह आरोप लगाया है कि भाजपा कैडरबेस और कार्यकर्ताओं की पार्टी है तो लगातार पार्टी में तन्मयता से कार्य करने वालों को सत्ता और संगठन में स्थान क्यों नहीं मिलता है ? वहीं अवसरवादियों और धनकुबेर लोगों को अवसर ही अवसर मिलता है । भाजपा नेता श्री सिन्हा ने बार-बार उपेक्षा किये जाने पर कहते हैं कि यदि वो कुबेर पुत्र होते तो भाजपा में मेरी अहमियत कुछ और होती ? मैं लम्बे समय से भाजपा में कार्य करते आ रहा हूँ तो मुझे भी राजिम विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया जाना चाहिये था किन्तु रोहित साहू को एक वर्ष हुआ नहीं है भाजपा में आये उन्हें टिकट दिया गया यह वर्षों से भाजपा में निष्ठा से कार्य करने वाले का घोर अपमान है ।
आपको बता दे कि राजिम विधानसभा से विधायक पद के लिए रोहित साहू को भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपना उम्मीदवार घोषित किया गया हैं, जबकि उक्त उम्मीदवार नवम्बर 2021 में भाजपा में प्रवेश लिया। और उससे पहले वो कांग्रेस पार्टी में और उसके बाद जोगी पार्टी में शामिल हो कर उन्हें जेसीसी द्वारा राजिम विधानसभा से अपना प्रत्याशी बना कर टिकट दिया गया। जिसमें उनकों लगभग 21, 22 हजार मत मिला। और हार का सामना करना पड़ा।
वहीं नाम ना छापने के शर्त पर कुछ भाजपा के कार्यकर्ता ने कहा कि हम तो प्रचार नही कर पाएंगे, जब आमजन पूछेंगे कि भाजपा को और कोई उम्मीदवार नहीं मिला जो आप लोग दूसरे पार्टी से आकर भाजपा में शामिल हुए हैं वो भी महज ही कुछ साल पहले उन्हें टिकट दे दिया गया हैं। तब हम क्या जवाब दे पायेंगे। भाजपा के लगभग सभी कार्यकर्ता इस उम्मीदवार से नाखुश हैं और कहने लगे कि राजिम विधानसभा में हार का सामना करना पड़ेगा। ये तो अगले पार्टी के उम्मीदवार के लिए वॉक ओवर है। अभी भी समय है भारतीय जनता पार्टी के पास अपना राजिम विधानसभा को हार से बचाने में लिये???