लचर शिक्षा व्यवस्था और जर्जर हालत के भवनों में छात्रों की शिक्षा कैसे संभव है?
स्टेट हेड – पंकज विश्वकर्मा
जिला मुंगेली छत्तीसगढ़ । छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के गांव बिरजाकपा कलां के स्कूल की दयनीय स्थिति शिक्षा विभाग की तैयारियों का खोल कर रख दी है। सत्र प्रारंभ होते ही पहली बारिश में खुलकर अव्यवस्था सामने आई है। स्कूल परिसर तालाब में तब्दील हो गया है। क्लास रूम में भी लबालब पानी भरा है और बर्तन से पानी फेंकते स्कूली बच्चे दिख रहें हैं।
तहलका के एक पाठक ने इस विडियो को स्टेट हेड पंकज विश्वकर्मा को मुहैया कराया है और इस पूरे मामले को शासन प्रशासन के सामने लाने के लिए गुहार लगाई है। यह शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था का एक उदाहरण है। नौनिहालों का भविष्य अंधकार में है और पालकों में रोष भरा है। जिम्मेदार शिक्षा विभाग के अधिकारी बेसुध है और यह स्थिति राजधानी रायपुर से 100 किलोमीटर दूर मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड के बिजराकापा कला का मामला है।
यदि ये स्थिति राजधानी से जुड़े जिले की है तो दूरस्थ और वनांचल इलाकों जैसे बस्तर और सरगुजा संभाग जो राजधानी रायपुर से 300-400किलोमीटर दूर है वहां का तो भगवान ही मालिक है। तहलका एक जिम्मेदार और तथ्य परक पत्रकारिता पर विश्वास रखता है। और इस ख़बर के माध्यम से प्रशासन को कुंभकर्णि नींद से जगना चाहते हैं ताकि वो इन बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ना करें, ये तस्वीर ही बदहाली को बयान करने के लिए पर्याप्त है। और सबसे दुख की बात यह है कि जिन बर्तनों से ये बच्चे अपने स्कूल में भरे पानी को ख़ुद फेंक रहे हैं उसी बर्तन में ये अपना मध्याह्न भोजन को खायेंगे।