छत्तीसगढ़स्वास्थ

मलेरिया से छात्र के मृत्यु के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण

मलेरिया संभावित क्षेत्रों में दवाइयां वितरण, जांच एवं सर्वे जारी, मच्छरदानी का भी किया जा रहा वितरण

गरियाबंद। गरियाबंद जिले के मैनपुर में मलेरिया से विशेष पिछड़ी जनजाति कमार छात्र के मृत्यु के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्टीकरण जारी किया है। मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी गरियाबंद डॉ. गार्गी यदु पाल ने बताया कि ग्राम गिरहोला (आश्रित मोहल्ला दर्रीपारा) के छात्र भुवेन्द्र कुमार सोरी, पिता पुनीतराम सोरी, उम्र 07 वर्ष, ग्राम गिरहोला (आश्रित मोहल्ला दर्रीपारा) का पिछले 02 दिनों से बुखार पीड़ित होने की सूचना मिलने पर ग्राम के मितानित मेहतरीन ओटी द्वारा आर.डी. टेस्ट किट से जांच किया गया।

जिसमें पी.एफ. पॉजिटिव रिजल्ट दिखने पर तत्काल आयुष्मान आरोग्य मंदिर देहारगुडा में सुबह 11 बजे ले जाकर सीएचओ द्वारा स्वास्थ्य जांच एवं हीमोग्लोबिन जांच किया गया। जिसमें हिमोग्लोबिन की मात्रा 5.1 ग्राम आने पर एवं बच्चे में पालर लक्षण दिखने पर मलेरिया का उपचार के लिए एसीटी कीट (05 से 08 वर्ष) की प्रथम खुराक बिस्कीट एवं गुड़ खिलाया गया तथा तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर के लिए सुबह 11ः30 बजे रिफर किया गया।

सीएमएचओ ने बताया कि परिजनों के द्वारा बच्चा का दवा सेवन करने के बाद थोडा अच्छा महसुस करने के कारण कुछ देर बाद मैनपुर अस्पताल ले जायेंगे कहकर बच्चे को साथ लेकर अपने घर चले गये। इसके उपरांत भी मितानिन द्वारा बच्चे के घर जाकर प्रत्येक दो घंटे में फालोअप कर स्वास्थ्य की जानकारी ली जा रही थी तथा मितानिन द्वारा बार-बार उन्हें मैनपुर अस्पताल ले जाने कहा गया। किन्तु बच्चे के माता-पिता थोड़ी देर बाद ले जायेंगे कहकर समय टालते गये। इसके पश्चात रात 2 बजे परिजन द्वारा मितानिन को सूचना दी गई की बच्चे की तबयीत बहुत खराब हो गई है, जिसकी जानकारी मिलते ही मितानिन ने 108 संजीवनी एक्सप्रेस में कॉल कर बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर में ले जाया गया एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैनपुर में ड्यूटी डाक्टर के द्वारा बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसमें चिकित्सक द्वारा अस्पताल आने के पूर्व ही बच्चे की मृत्यु हो जाने की पुष्टि की गई।

सीएमएचओ गरियाबंद ने बताया कि विकासखंड मैनपुर के ग्राम गिरहोला (आश्रित मोहल्ला दर्रीपारा) में वर्तमान में मलेरिया पॉजिटिव प्रकरण नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव के मितानिन व स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा डायरिया मलेरिया संबंधी जन जागरूकता कैम्पेन सर्वे जांच, स्वास्थ्य सलाह, उपचार तथा मच्छर प्रजनन स्थल स्त्रोत नियंत्रण संबंधी गतिविधियां का आयोजन घर-घर भ्रमण, जन चौपाल स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से लगातार की जा रही है। जिले में स्वास्थ्य विभाग क्षेत्र की जनता को पूरी तरह से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदाय करने के लिए प्रतिबद्ध है।

जिले के मलेरिया संभावित जगहों सहित मैनपुर क्षेत्र में मलेरिया के बचाव, नियंत्रण एवं रोकथाम तथा स्कूल, ऑगनबाड़ी, डोर टू डोर मलेरिया सर्वे करने, मलेरिया का चिन्हांकन करने तथा चिन्हांकित धनात्मक मरीजो का उपचार करने के लिए जिला स्तर से विशेषज्ञ चिकित्सकों (शिशु रोग विशेषज्ञ) चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी विकासखंड मैनपुर में लगाई गई है। जहां वे प्रतिदिन जाकर मलेरिया जांच, स्वास्थ्य परीक्षण, डोर टू डोर सर्वे करेंगे। विकासखंड मैनपुर में मलेरिया से संबंधित समस्त दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। मलेरिया की जांच हेतु आर डी कीट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। माह मार्च 2024 में प्रत्येक घरों में मच्छरदानी का वितरण किया जा चुका है। साथ ही आवश्यकतानुसार और भी मच्छरदानी का वितरण किया जा रहा है।

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