रायपुर। राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन आज महासमुंद जिले के आदिवासी बाहुल्य ग्राम बासंकुड़ा पहुंचे और वहां के ग्रामीणों से मिलकर उन्हें प्रशासन से मिल रही मूलभूत सुविधाओं की, उनकी आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य शासन द्वारा समाज के गरीब, वंचित वर्ग और अंतिम छोर के व्यक्तियों के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं, जिसका लाभ ग्रामीणों को अवश्य लेना चाहिए।
राज्यपाल श्री हरिचंदन ने ग्राम बासंकुडा में आयोजित कार्यक्रम में कमार जनजाति परिवारों, स्व सहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों से मुलाकात की और बिहान महिला स्व सहायता समूहों द्वारा लगाये गये स्टालों का अवलोकन किया। महिलाओ ने उनके द्वारा उत्पादित बांस, छिंद की बनी टोकरियां, सजावट की सामग्री, माटी कला, टेराकोटा आर्ट से निर्मित सामग्रियों एवं खाद्य सामग्री आदि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले के कलेक्टर और अन्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि योजना का लाभ आप लोगों तक पहुंचे। कोई भी समस्या हो तो कलेक्टर को बताएं और ज्यादा बड़ी समस्या हो तो मुझे भी बता सकते हैं। उन्होंने कुछ महिलाओं से हिन्दी और ओडिया भाषा में आत्मीयता के साथ बातचीत की। महिलाओं ने राज्यपाल को बांस से बनी टोकरियां भेंट की।
राज्यपाल ने कहा कि महासमुंद जिला छत्तीसगढ़ और ओडिशा का सीमावर्ती जिला है। दोनो राज्य के निवासी भाई-भाई हैं। भारत की संस्कृति अनोखी है। सभी संस्कृतियों का यहां संगम होता है। इसलिए भारत विश्व गुरू कहलाता है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अमृत खलखो ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल पहली बार आदिवासी क्षेत्र के निवासियों से प्रत्यक्ष मुलाकात करने और योजनाओं का क्रियान्वयन देखने पहुंचे हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने कमार जनजाति के किसानों को उड़द बीज का मिनी किट, बैट्री स्पे्रयर, गर्भवती महिलाओं को सुपोषण किट और प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को सामग्री, दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल वितरण किया। राज्यपाल ने परिसर में वृक्षारोपण भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल के उप सचिव श्री दीपक अग्रवाल, महासमुंद कलेक्टर श्री निलेश कुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी, सरपंच एवं अन्य जनप्रतिनिधि तथा क्षेत्र के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।