राज्यपाल ने रेडक्रॉस की मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया
रायपुर। राज्यपाल डेका ने 31 अक्टूबर को राजभवन में छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसाइटी के चार मोबाइल मेडिकल यूनिट का शुभारंभ किया और इन्हें हरी झंडी दिखाकर विभिन्न जिलों के लिए रवाना किया।
उक्त मोबाइल मेडिकल यूनिट्स भारत सरकार के उद्यम ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड के सीएसआर मद से छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसाइटी को उपलब्ध कराई गई है, जो छत्तीसगढ़ के चार आदिवासी बाहुल्य जिलों, मोहला-मानपुर, कोंडागांव, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों में सेवाएं देंगीं।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि मोबाइल मेडिकल यूनिट के जरिये विशेषकर ग्रामीण इलाकों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगीं। ग्रामीणों को बीमारियों के प्रति जागरूक होने में भी इससे मदद मिलेगी। राज्यपाल डेका ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की, कि ये वाहन उन इलाकों में जाएंगे, जहां स्वास्थ्य सेवाओं का पहुंचना कठिन है और स्थानीय लोगों को चिकित्सकीय देखभाल की अत्यधिक देखभाल की आवश्यकता है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था सुदृढ़ होगी और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
उल्लेखनीय है कि इन वाहनों में हेल्थ एटीएम मशीन लगाई गई है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट जल्द और निःशुल्क उपलब्ध हो सकेगी। मोबाइल यूनिट के साथ मौजूद चिकित्सक मामूली बीमारियों का तुरंत उपचार करेंगे और आवश्यक होने पर गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों में रेफर किया जाएगा। अगले तीन वर्षों तक इनके सुचारू संचालन और इन्हें सर्वसुविधायुक्त बनाए रखने के लिए आरईसी फाउंडेशन आर्थिक सहयोग भी प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसाइटी के सीईओ एम. के. राऊत ने मेडिकल मोबाइल यूनिट के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय रेडक्रॉस सोसाइटी छत्तीसगढ़ राज्य शाखा ने दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
आरईसी फाउंडेशन के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने बताया कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ को चार मोबाइल मेडिकल यूनिट दिए गए हैं, जिनकी संख्या भविष्य में बढ़ाई जाएगी।
राज्यपाल ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों और कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ रेडक्रॉस सोसाइटी के चेयरमैन अशोक कुमार अग्रवाल, सचिव डॉ. रूपल पुरोहित, आरईसी लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक प्रदीप फेलोस एवं निगम के अन्य अधिकारीगण, संबंधित जिलों के चिकित्सा अधिकारी तथा नोडल अधिकारी उपस्थित थे।