किडनी के मरीजों के लिए राज्य के 27 जिला अस्पतालों में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा
दूरस्थ अंचलों के मरीजों की भी उनके जिले में ही डायलिसिस, मरीजों व उनके परिजनों के श्रम, धन और समय की बचत
रायपुर। स्वास्थ्य सेवाओं के लगातार विस्तार से अब राज्य के 27 जिला चिकित्सालयों में डायलिसिस की सुविधा विकसित कर ली गई है। इससे किडनी रोगों से पीड़ितों को अब उनके जिला मुख्यालय में ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिल रही है। प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के मरीजों को अब डायलिसिस के लिए बड़े शहरों का रूख नहीं करना पड़ रहा है। किडनी संबंधी रोग से ग्रस्त मरीज को लंबे समय तक बार-बार डायलिसिस कराना पड़ता है। इससे उन पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है। स्थानीय स्तर पर ही निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा मिलने से अब इसके मरीजों को बड़ी राहत मिली है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टी.एस. सिंहदेव की पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम ‘जीवन धारा’ और जिला खनिज न्यास निधि (DMF) से राज्य के 27 जिला मुख्यालयों तथा देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस की सुविधा प्रारंभ की जा चुकी है। ‘जीवन धारा’ के अंतर्गत दुर्ग, कांकेर, बिलासपुर, महासमुंद, कोरबा, सरगुजा, जशपुर, बीजापुर, रायपुर, जांजगीर, जगदलपुर, गरियाबंद, मुंगेली, धमतरी, बलौदाबाजार, बैकुंठपुर, सूरजपुर, कवर्धा, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही एवं सुकमा जिला चिकित्सालय तथा देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जा रही है।
इन 24 अस्पतालों में कुल 106 डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं जहां अब तक 87 हजार 321 डायलिसिस सेशन किए जा चुके हैं। पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन अस्पतालों में किडनी रोगों से जूझ रहे मरीजों के कुल 46 हजार 679 डायलिसिस सेशन किए गए हैं। प्रदेश के चार अन्य जिला अस्पतालों दंतेवाड़ा, बलरामपुर, रायगढ़ और कोंडागांव में जिला खनिज न्यास निधि से डायलिसिस की मशीनें स्थापित कर यह सुविधा प्रदान की जा रही है। दंतेवाड़ा में चार, बलरामपुर और रायगढ़ में तीन-तीन तथा कोण्डागांव में एक डायलिसिस मशीन संचालित है।