नौकरी लगाने का झांसा देकर लाखों की ठगी, आरोपी गिरफ्तार

रायपुर। नौकरी लगाने के नाम पर लाखों रूपये की ठगी करने वाले आरोपी को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली है। दरअसल आरोपी ने स्वयं को मंत्रालय में अधिकारी होना बताकर 9,50,000 रुपये की ठगी किया था। वहीं प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपी फरार है , जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थिया डालेश्वरी कुरेटी ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज कराया कि वह जिला बालोद की निवासी है। वर्ष 2021 में प्रार्थिया के परिचित रंजीता ठाकुर जो दंतेवाड़ा स्वास्थ्य विभाग में संविदा में कम्प्यूटर ऑपरेटर का कार्य करती है तथा देवेन्द्र भास्कर काकेर में स्वास्थ्य विभाग में भृत्य के पद पर कार्यरत है ने उसकी मुलाकात सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास से कराई थी। सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास ने प्रार्थिया को स्वयं को मंत्रालय में अधिकारी होना बताकर कहा कि मैं आपके परिचित प्रमोद रंगदारी की नौकरी मंत्रालय महानदी भवन में भृत्य के पद पर लगवा दूंगा तथा मेरे ही परिचित सीमा ठाकुर एवं बबीता ठाकुर की नौकरी भी आंगनबाड़ी के सुपरवाईजर पद में लगवाने का आश्वासन दिया। जिस पर प्रार्थिया अपने उक्त परिचित व्यक्तियों को नौकरी लगवाने के लिये पैसे लगेंगे कहकर प्रमोद रंगदारी से भृत्य के लिये 3,50,000 रूपये, सीमा ठाकुर व बबीता ठाकुर से सुपरवाईजर पद में नौकरी के लिये 6,00,000 रूपये कुल 9,50,000/- रूपये प्राप्त की तथा जुलाई 2021 में उक्त रकम को लेकर अम्बेडकर चौक स्थित गढ़कलेवा में सुरमपल्ली सांई श्रीनिवासन के पास गयी जहां सुरमपल्ली सांई श्रीनिवासन अपने साथी राहुल, रंजीता ठाकुर एवं देवेन्द्र भास्कर के साथ उपस्थित था। इसके पश्चात् प्रार्थिया ने सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास द्वारा बताई हुई रकम रंजीता ठाकुर को 3,50,000/- रूपये दी तब रंजीता ठाकुर ने नगद 3,50,000/- रूपये सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास को दिये एवं प्रार्थिया ने भी नगद 6,00,000/- रूपये सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास को दिया था। इस प्रकार प्रार्थिया ने कुल 9,50,000/-रूपये सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास को दिया। पैसे देने के बाद सुरमपल्ली संाई श्रीनिवास ने प्रार्थिया के परिचित प्रमोद रंगदारी की नियुक्ति का नियुक्ति पत्र रंजीता ठाकुर के हाथों 02 दिनों बाद दिया एवं कहा कि जब मैं बोलूंगा तब ज्वाईन करने जाना। इसके कुछ दिनों बाद जब प्रार्थिया ने अपने परिचितों की नौकरी के संबंध में सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास से पूछता तो उसके द्वारा प्रार्थिया को घुमाया जाने लगा। जिसके बाद परेशान होकर प्रार्थिया द्वारा नौकरी नहीं लगवा सकते तो पैसे वापस कर दो कहा गया तो उसके द्वारा प्रार्थिया को 15 दिवस का समय दो करके एक एग्रीमेंट बनवाया गया किन्तु 15 दिवस बीत जाने के बाद भी उसके द्वारा प्रार्थिया को पैसे वापस नहीं किया गया। इस प्रकार सुरमपल्ली सांई श्रीनिवासन, राहुल एवं उसके अन्य साथियों द्वारा प्रार्थिया को उसके परिचितों का नौकरी लगवाने का झांसा देकर तथा स्वयं को मंत्रालय में अधिकारी होना बताकर प्रार्थिया से कुल 9,50,000/- रूपये प्राप्त कर ठगी किये। जिस पर आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 370/23 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया।

वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में एण्टी क्राईम एण्ड साईबर यूनिट तथा थाना सिविल लाईन पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा घटना के संबंध में प्रार्थिया तथा उसके परिचितों से विस्तृत पूछताछ करते हुए प्रकरण में संलिप्त आरोपियों की पतासाजी करना प्रारंभ किया गया। टीम के सदस्यों द्वारा आरोपियों के छिपने के हर संभावित ठिकानों में लगातार रेड कार्यवाही करते हुए प्रकरण में संलिप्त आरोपी सुरमपल्ली सांई श्रीनिवास को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण में संलिप्त अन्य आरोपी फरार है, जिनकी पतासाजी कर गिरफ्तार करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे है।

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