रिपोर्टर : लोकेश्वर सिन्हा
गरियाबंद। गरियाबंद में अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। योजना के तहत 2019 में जिले में 25 जोड़ो ने विवाह रचाया था, प्रति जोड़ो को अंतर्जातीय विवाह के लिए 2.50 लाख दिया गया। विवाह के लिए पंजीयन से लेकर राशि की भुगतान की सारी प्रक्रिया आदिवासी विकास विभाग के जिम्मे था। लेकिन इस योजना में करीब 12 जोड़ ऐसे थे जो पहले से शादी शुदा थे और मापदंड में खरे नहीं उतर रहे थे, कुछ ने इसके लिए गंधर्व विवाह के फर्जी सर्टिफिकेट लगाए थे।
मामले की शिकायत 2020 में हो गई थी, लेकिन जांच की फाइल अटकी पड़ी थी। अपर कलेक्टर ने बंद पड़ी फाइल को दोबारा खोला, जांच में 12 जोड़े अपात्र मिले, जिन्होंने 30 लाख से ज्यादा का चपत सरकार को लगाया था। मामले की जांच के बाद फर्जी जोड़े समेत संलिप्त सारे अफसर कर्मी पर प्राथमिकी दर्ज कराने का अनुशंसा कर प्रतिवेदन कलेक्टर के पास संलग्न कर दिया गया है।