रायपुर । राजधानी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब सायरन बजाते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ी पहुंची। इससे पहले कि वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते, धड़धड़ाते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम घुसी और अंदर फंसे लोगों को निकाल कर उनका प्रधमिक उपचार शुरू किया।
दरअसल गुरुवार को एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिकिया बल) और जिला अग्निशमन विभाग ने संयुक्त रूप से मेकाहारा में फायर एंड रेस्क्यू (अग्नि और सुरक्षा) मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया। अस्पताल में आग लगने की संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और फायर ब्रिगेड की टीम ने आपसी समन्वय से सुरक्षा एवं बचाव का जीवंत अभ्यास प्रदर्शन कर आपदा से निपटने के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी।
मॉक ड्रिल के दौरान तीनों टीम ने अभ्यास प्रदर्शन करते हुए संभावित घटना के लिए तैयारियों का आकलन किया। वहां उपस्थित नर्सिंग स्टॉफ, कर्मचारियों और सुरक्षा गार्ड्स को आग लगने की घटनाओं और उससे निर्मित परिस्थितियों पर विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए बताया कि जटिल आपात स्थितियों में कैसे काम किया जाता है। प्रतीकात्मक रूप से आग लगने की घटना को प्रदर्शित करते हुए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फायर सायरन बजाते हुए मौके पर पहुंची। पानी के प्रेशर पाइप के जरिये अस्पताल के तीसरे मॉले पर आग बुझाने की प्रैक्टिस की गई। टीम ने अस्पताल के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने संबंधी अभ्यास किया। इसी तारतम्य में घायल लोगों को स्ट्रेचर पर लिटाकर प्राथमिक उपचार देकर एम्बुलेंस के जरिये दूसरे अस्पताल भेजा। जिला अग्निशमन कर्मियों द्वारा अग्नि मॉक ड्रिल में आग बुझाने, फायर सेफ्टी उपकरणों के प्रयोग के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई। कहीं भी छोटी सी आग लगे उसके लिए आम लोगों को फर्स्ट एड फायर फाइटिंग का प्रशिक्षण दिया। कौन सा यंत्र किस प्रकार का आग बुझा सकता है, इसका भी प्रदर्शन किया गया।विभिन्न प्रकार के फायर एक्सटिंग्विशर या अग्निशामक यंत्र और उसमें भरे जाने वाले गीला रसायन, कॉर्बन डाइ ऑक्साइड, फोम और पानी के बारे में जानकारी दी।