गरियाबंद @ देवीचरण ठाकुर। आज फादर्स डे के विशेष मौके पर हम आपको मिलाते हैं 600 बच्चों के पिता से। बचपन में मां बाप का साया उठ गया, 42 साल पहले सड़क में लावारिश पड़े बच्चे को देख सेवा शुरू किया ,अब तक 600 से भी ज्यादा अनाथ बच्चे को बाप का नाम दे चुके हैं 60 वर्षीय श्याम लाल जाल।
गोद में मासूम बच्चों को लिए दुलार करते ये हैं 60 वर्षीय श्यामलाल जाल,साथ में मौजूद है उनकी पत्नी कस्तूरी बाई। बचपन से ही मां बाप को खोने का दंश झेल रहे श्यामलाल 18 साल के उम्र से अनाथ बच्चों को पनाह देकर उनकी जतन कर रहे हैं। प्रदेश के सीमा से महज 16 किमी की दूरी पर जाल का अनाथ आश्रम है,जिसे अपनी मां जसोदा के नाम से रखा हुआ है।
फिलहाल यहां 100 अनाथ बच्चे पल रहे हैं,जिसमे 8 दूध मूहे हैं,30 दिव्यांग हैं,15 बेटो का विवाह करा दिया गया है। इनमे से 12 सरकारी नौकरी भी करते हैं। पिछले 40 साल में इस परिवार मे 600 मासूमों को पनाह दिया जा चुका है,जिसमे 87 बच्चे हमारे प्रदेश के देवभोग अंचल से हैं। छत्तीसगढ़ ओडिसा के अलावा विदेशों से आए 167 नि:संतान दंपत्ति यहां से बच्चे गोद ले चुके हैं।