सहकारिता मंत्री ने की विभाग के काम-काज की समीक्षा
रायपुर। सहकारिता मंत्री रविन्द्र चौबे ने सोमवार को नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के सभागार में सहकारिता विभाग के काम-काज की जिलेवार समीक्षा की। उन्होंने समितियों के गोदामों में रासायनिक खाद की उपलब्धता की जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को उनकी मांग के अनुरूप खाद प्रदान किया जाए। सहकारिता मंत्री श्री चौबे ने किसानों की सुविधा के लिए एटीएम स्थापना में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही लंबित सहकारी बैंकों की नवीन शाखाओं के लिए रिजर्व बैंक से शीघ्र ही आवश्यक पहल करने के निर्देश दिए।
सहकारिता मंत्री रविन्द्र चौबे ने आगामी धान खरीदी की तैयारी के लिए आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि पुराने बारदाने के कारण सोसायटियों को नुकसान न हो इसका ध्यान रखा जाए। उन्होेंने कहा कि सोसायटियों को वित्तीय रूप से मजबूत किया जाना चाहिए। सहकारी बैंको में रिक्त पदों की भर्ती शीघ्र की जाए।
सहकारिता मंत्री श्री चौबे द्वारा बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भेंट मुलाकात के दौरान बस्तर तथा सरगुजा संभाग में सहकारी बैंकों की नवीन शाखा खोलने की घोषणा की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर संभाग में 07 स्थानों में तथा सरगुजा संभाग में 03 जगहों में नवीन शाखा खोलने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। बस्तर में 07 एटीएम तथा सरगुजा में 05 स्थानों पर एटीएम लगाए जा चुके हैं। सहकारिता विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में प्रदेश में कुल 135 एटीएम स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरुद्ध अब तक 86 एटीएम स्थापित किये गए हैं।
13.62 लाख किसानों को 6067 करोड़ रूपए का कृषि ऋण वितरित
बैठक में चालू खरीफ 2023 सीजन में किसानों को ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरण की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से अब तक 7000 करोड़ रूपए के निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध 13.62 लाख किसानों को 6067 करोड़ रूपए का कृषि ऋण वितरण किया गया है। बैठक में बताया गया कि खरीफ सीजन के लिए कुल 8 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसके विरुद्ध 6 लाख 91 हजार मेट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। समितियांे के गोदामों में अभी 1 लाख 10 हजार मेट्रिक टन खाद की उपलब्धता है। समितियों में खरीफ फसल हेतु कुल 451370 क्विंटल बीज का भंडारण किया गया है, जिसमें से 397705 टन किसानों द्वारा उठाव कर लिया गया है।