गौधन न्याय योजना बंद होने से गौवंश की स्थिति दयनीय : अरुण वोरा
दुर्ग। गौठान पशुधन सरंक्षण हेतु शहरी गौठान निर्माण पूर्व में स्वीकृति मिलने के बाद भी चार स्थानों में बनने की जगह मात्र दो ही स्थानों पर ही गौठान प्रारंभ हुआ। गौवंश की सरंक्षण के लिए गौठान जैसी बेहतरीन योजना पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार द्वारा संचालित गौधन न्याय योजना पूरे देश में सुपरहीट साबित रही। देशभर के विभिन्न राज्य में गौठान योजना की सराहना की गई।
इस योजना के माध्यम से गोबर खरीदी, गौमूत्र की खरीदी से गौ पालको को अतिरिक्त आय लाभ मिल रहा था। समूहों की माता बहने वर्मी कम्पोस्ट व खाद बनाकर सशक्त हो रही थी। भाजपा सरकार के आते ही संचालित महत्वपूर्ण योजना को फंड के अभाव में 65 लाख से निर्माणाधीन कार्यो में ताला लग गया है। पूर्व विधायक व वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण वोरा ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरूवा बारी के अंतर्गत गौठान बनाने की बड़ी योजना पुलगांव के गोकुल नगर में प्रारम्भ किया गया था।
अब कार्य को बंद कर देने से निर्माणाधीन अपूर्ण कार्य कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। गौसेवा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। भाजपा की राजनीतिक विद्वेष की बली बेजुबान गौवंश को भुगतना पड़ रहा है। पुलगांव गौठान में 460 गौवंश को रखा गया है। गौधन न्याय योजना बंद होने से स्थिति दयनीय हो गई है। पहुंच मार्ग पंगदण्डी में तब्दील हो गया है। चारा ना मिलने व कामधेनु शेड में जलभराव व कीचड हो गया है। बीमार व घायल गौवंश की प्रशासन सूध नहीं ले रहा है।