रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी इंदिरा गाँधी की पुण्यतिथि तथा लौहपुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
डॉ. महंत ने कहा कि इंदिरा गांधी लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमंत्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं। इंदिरा गाँधी में अपार साहस, निर्णय शक्ति और धैर्य था। उनमें गजब की राजनीतिक दूरदर्शिता थी।
इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला जो न केवल भारतीय राजनीति पर छाई रहीं बल्कि विश्व राजनीति के क्षितिज पर भी वह विलक्षण प्रभाव छोड़ गईं। यही वजह है कि उन्हें लौह महिला के नाम से संबोधित किया जाता है। गरीबी मुक्त भारत इंदिरा जी का एक सपना था, आज भी वह सपना साकार नहीं हो पाया है। सभी लोगों को भारत से गरीबी को मिटाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, ताकि उनके सपने को हकीकत में तब्दील किया जा सके।
डॉ. महंत ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। भारत की आजादी के बाद वे प्रथम गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री बने। बारदोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहाँ की महिलाओं ने सरदार की उपाधि प्रदान की। आजादी के बाद विभिन्न रियासतों में बिखरे भारत के भू-राजनीतिक एकीकरण में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए पटेल को भारत का बिस्मार्क और लौह पुरुष भी कहा जाता है।
वल्लभ भाई पटेल एक भारतीय बैरिस्टर और राजनेता थे, और भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के मुख्य नेताओ में से एक थे और साथ ही भारतीय गणराज्य के संस्थापक जनको में से एक थे। वे एक सामाजिक कार्यकर्ता थे जिन्होंने देश की आज़ादी के लिये कड़ा संघर्ष किया था और देश को एकता के सूत्र में बांधने में उन्होंने काफी योगदान दिया था, उन्होंने भारत को एकता के सूत्र में बांधने और आज़ाद बनाने का सपना देखा था।
भारत के देशभक्तों में एक अमूल्य रत्न सरदार पटेल को भारत सरकार ने सन 1991 में ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया, आज सरदार वल्लभ भाई पटेल हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्हें हमेशा याद किया जाता रहेगा।