दिव्यांगजनों को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए : लक्ष्मी राजवाड़े
रायपुर। समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा है कि दिव्यांगजनों को हुनरमंद बनाकर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिए संचालित योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए सभी आवश्यक पहल की जाए। मंत्री राजवाड़े मंगलवार को मंत्रालय महानदी भवन में समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रही थी।
समाज कल्याण मंत्री राजवाड़े ने बैठक में कहा कि सभी जिलो में दिव्यांग के पुनर्वास के साथ-साथ उन्हें रोजगार मूलक कार्यों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को वृद्धाश्रमों एवं दिव्यांग बाल आश्रम तथा अन्य पुर्नवास केन्द्रों की व्यवस्था दुरूस्त करने भी कहा। बैठक में समाज कल्याण विभाग के सचिव भुवनेश यादव, संचालक रोक्तिमा यादव सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
समाज कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मंत्री राजवाड़े ने अधिकारियों से कहा कि बुजुर्गो, दिव्यांगों एवं निराश्रितों के कल्याण के लिए अपना शत-प्रतिशत दें तथा सेवाभाव के साथ काम करें। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रम, दिव्यांग बच्चों के लिए संचालित अनुदान प्राप्त संस्थाओं और पुनर्वास केन्द्रों का निरीक्षण कर सभी व्यवस्था दुरूस्त करें। दिव्यांग बच्चों को हुनरमंद बनाकर स्व-रोजगार के साधन उपलब्ध कराएं। उनकी रूचि के अनुसार मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना विभिन्न ट्रेडो में प्रशिक्षण दिलाया जाए।
समाज कल्याण मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर बेघर, बेसहारा, घुमंतू, दिव्यांग, बच्चों और महिलाएं मिलने पर उन्हें पुर्नवास केन्द्र में भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। विभिन्न पेंशन प्रकरणों का भौतिक सत्यापन करके पात्र हितग्राहियों को प्राथमिकता से पेंशन का लाभ दिलाए। विभाग के हेल्प लाइन नंबर का भी व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं।
उन्होंने तृतीय लिंग का भी पंजीयन कराने और राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड के साथ अन्य विभागीय योजनाओं से लाभान्वित करने और दिव्यांगजनों के लिए शिविर लगाकर यूडीआईडी पंजीयन कराने और मेडिकल बोर्ड से दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद बच्चे, महिलाओं, युवा, बुजुर्ग जिनको फिजियोथेरिपी, कृत्रिम उपकरण, बैसाखी, श्रवण यंत्र, ट्राईसायकल की जरूरत हो उन्हें ये उपकरण उपलब्ध कराए जाए।
समीक्षा बैठक में कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण प्रदाय योजना, सामर्थ्य विकास योजना, निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना, राष्ट्रीय निःशक्तजन पुनर्वास कार्यक्रम सहित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।