ई–वे बिल पर छूट समाप्त करने का निर्णय व्यापारियों पर अत्याचार : विनोद चंद्राकर

महासमुंद। पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में रोजगार के अवसर खत्म कर, बड़े सरकारी संस्थानों को अपने चंद पूंजीपति मित्रों को साैंपकर तथा देश के 2 करोड़ युवाओं को प्रति वर्ष सरकारी नाैकरी देने का झांसा देकर उन्हें धोखा देने वाले भाजपा की जुमलेबाज सरकार की नजर अब छोटे व मध्यम व्यापारियों पर पड़ गया है। भाजपा सरकार ने 2018 से दी जा रही ई-वे बिल पर छूट समाप्त कर दिया है। जिससे छोटे व मध्यम व्यापारियों को व्यापार में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

चंद्राकर ने कहा कि यह सरकार का व्यापारियों पर अत्याचार है। जब से राज्य में भाजपा सरकार बनी है। सरकार उद्योग व्यापार को चौपट करने वाला निर्णय ले रही है। जिन व्यापारियों उद्योगपतियों के दिये टैक्स के पैसे से सरकार विकास और राहत के काम करती है। उन्हीं व्यापारियों को परेशान किया जाना गलत है? पांच महिने में लगातार व्यापारियों के यहां सरकार ने जीएसटी के छापे मारी करवाया। अब सरकार उन्हें परेशान करने ई वे बिल में छूट को समाप्त करने का निर्णय ले लिया है।

चंद्राकर ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा बिना प्लानिंग केे जिस समय जीएसटी लागू किया गया उस दौरान कांग्रेस ने जीएसटी के कई स्लैब और इसके कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए थे। जीएसटी के विषय में अब तक 3000 से अधिक सुधार किया गया है। उसके बावजूद जीएसटी की समस्या निरंतर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने व्यापारियों के इस समस्या को समझते हुए केंद्र में सरकार बनने पर जीएसटी का सरलीकरण और सुविधाजनक बनाने का वादा किया है। कांग्रेस की सरकार बनने के बाद व्यापारियों को अनियमित जीएसटी से राहत मिलेगा वह व्यापारियों से हो रही अवैध वसूली बंद होगी।

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