मौत का झरना, सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं

महासमुंद @ अमिताभ पॉल। सरायपाली अंचल के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल शिशुपाल पर्वत में पर्यटकों की सुरक्षा अब भगवान भरोसे है, यहां एक विशाल झरना इस पर्वत के 1200 मीटर से बहता है, आज कल लगातार बारिश की वजह से झरना अपनी रौद्र रूप में नजर आ रही है, जहां हमेशा जान का खतरा बना रहता है, यहां लापरवाही के चलते पैर फिसलने के वजह से अब तक 15 पर्यटकों की मौत हो चुकी है, इसके बावजूद आज तक न फॉरेस्ट विभाग, पुलिस विभाग या पर्यटन विभाग द्वारा कोई भी चेतावानी बोर्ड नहीं लगाया है, न ही झरना के आस पास कोई बेरिकेटिंग किया गया है।

आपको बता दें मुख्यमंत्री ने अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान शिशुपाल पर्वत को पर्यटन स्थल बनाए जाने की घोषणा की थी, इसके बावजूद आज तक किसी भी विभाग के अधिकारियों द्वारा इस पर्यटन स्थल की सुध तक नहीं ली गई, पर्वत के ऊपर घोड़ाधार नाम का विशाल अदभुत झरना है जो 1200 मीटर की ऊंचाई से बहती है, जिसको दिखने आज कल रोजाना सैकड़ों पर्यटक प्रदेश सहित अन्य प्रांतों से पहुंच रहे है।

यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने के करण लोग अपनी जान गंवा रहे है, यहां किसी भी प्रकार की कोई चेतावानी बोर्ड नहीं लगाया गया है जिससे बाहर से आने वाले नए पर्यटकों को यहां के खतरों का ज्ञान नहीं होता, न ही झरने के पास कोई रिलिंग लगाया गया है, जिनके साथ अक्सर घटनाएं घट रही है, जानकारी के अभाव में अब तक यहां 16 पर्यटकों की मौतें हो चुकी है, ग्रामीणों का कहना है कि उनके द्वारा कईं बार अधिकारीयों से सुरक्षा हेतु गुहार भी किया गया है, किन्तु अब तक इस मामले को कोई कोई सुध नहीं लिया गया है, लिहाजा ग्रामीणों द्वारा लोगों कि सुरक्षा के लिए यहां आने-जाने वाले पर्यटकों को झरना के करीब न जाने कि समझाइस भी दी जा रही है।

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