रायपुर। शराब दुकानों में दो हजार का नोट नही लिए जाने के अधिकारियों के निर्देश की बात सामने आने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि दो हजार के नोट को अभी बंद नहीं किया गया है, वापस मंगाया जा रहा है। ऐसे में सरकारी शराब दुकानों में दो हजार का नोट नहीं लिया जाना गलत है। भारतीय करेंसी का अपमान है।यह अपराध है। इस अपराध के लिए दुकान के संचालक को जेल भी जाना पड़ सकता है। उन्हें तो नोट लेना है और बैंक में सीधे जमा करना है। सरकारी एजेंसियों के लिए तो और भी किसी तरह की दिक्कत नहीं है।
परंतु दो हजार के नोट नहीं लिए जा रहे हैं इसका मतलब साफ है कि शराब दुकानों में भ्रष्टाचार अभी तक बंद नहीं हुआ। अभी भी आधी सरकारी और आधी कांग्रेसी शराब बिक रही है।लगता है कि ईडी की करवाई के बाद भी दो नंबर काम काम बंद नहीं हुआ है। ऊपरी कमाई छोटे नोटों के रूप में सुरक्षित रखना चाह रहे हैं।