छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि, दुर्ग में स्वाइन फ्लू से एक और मौत

दुर्ग। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। दुर्ग जिले से शनिवार को स्वाइन फ्लू से एक और मौत की पुष्टि हुई है। जिले में अब तक कुल 23 स्वाइन फ्लू के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 13 मरीजों का इलाज रायपुर और दुर्ग के विभिन्न अस्पतालों में जारी है।

स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं इस बढ़ते खतरे के साथ और भी गंभीर हो गई हैं। अब तक जिले में स्वाइन फ्लू के कारण तीन लोगों की मौत हो चुकी है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें लोगों से अपील की गई है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।

रायपुर में 90% मामलों में ट्रैवल हिस्ट्री नहीं

रायपुर जिले में स्वाइन फ्लू के संक्रमण के मामलों में एक चिंताजनक तथ्य सामने आया है कि 90% मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। ये मरीज अपने घर पर या नियमित कार्यों के दौरान ही संक्रमित हुए हैं। रायपुर में अब तक स्वाइन फ्लू के 65 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि पूरे राज्य में करीब 250 मामले सामने आए हैं, जिनमें से दर्जनभर मौतें हो चुकी हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक वातावरण में नमी बनी रहेगी, तब तक स्वाइन फ्लू का खतरा बना रहेगा। अनुमान है कि महीनेभर बाद ठंडक बढ़ने पर संक्रमण का खतरा कम हो सकता है।

हर साल बढ़ रहे हैं स्वाइन फ्लू के मामले

चिकित्सकों के अनुसार, स्वाइन फ्लू के मामले हर साल सामने आते हैं, लेकिन इस बार संक्रमण की संख्या और मौतों का आंकड़ा अधिक है। रायपुर में संक्रमण की रोकथाम के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग की टीम काम कर रही है, जो संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों की जानकारी जुटा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, संक्रमितों में विभिन्न आयु वर्ग के लोग शामिल हैं, जिनमें अधिकांश पुरुष हैं, जो नियमित कार्यों से बाहर निकलते हैं और संक्रमण घर लेकर लौटते हैं।

फेफड़ों का संक्रमण और इलाज

आंबेडकर अस्पताल के सीएमओ डॉ. विनय वर्मा के अनुसार, एच1एन1 फ्लू, जिसे स्वाइन फ्लू भी कहा जाता है, इंफ्लूएंजा वायरस के कारण होता है, जो नाक, गले और फेफड़ों की कोशिकाओं को संक्रमित करता है। यह वायरस खांसने, छींकने या बात करने से हवा के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में शरीर में दर्द, थकान, बुखार, खांसी और ठंड शामिल हैं। संक्रमित व्यक्ति इसे दो से सात दिनों तक फैला सकता है।

स्वास्थ्य विभाग की टीम स्थिति पर लगातार नजर रख रही है और संक्रमण की रोकथाम के लिए प्रयास जारी हैं। जनता से अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें और आवश्यक सावधानियां बरतें।

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