कांग्रेस सरकार में सबसे अधिक कहर बच्चे-बच्चियों पर ही बरपा है : रंजना साहू
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक रंजना साहू ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार का सबसे ज्यादा कहर मासूम बच्चों-बच्चियों पर ही बरपा है। श्रीमती साहू काँकेर के शिवनगर स्थित दत्तक ग्रहण केंद्र में एनजीओ के माध्यम से पदस्थ प्रोग्राम मैनेजर सीमा द्विवेदी द्वारा केंद्र में रह रही बच्चियों के साथ की जा रही बर्बर मारपीट के सामने आए उस वीडियो के मद्देनजर आक्रोश व्यक्त कर रही थीं, जिसमें उक्त प्रोग्राम मैनेजर एक मासूम बच्ची को अमानवीयतापूर्वक पीटती, बाल पकड़कर पहले जमीन पर और बाद में पलंग पर पटकती दिख रही है। प्रोग्राम मैनेजर गालियाँ देती भी इस वीडियो में देखी-सुनी जा रही है।
भाजपा विधायक श्रीमती साहू ने इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार मासूम बच्चों की जान की भी दुश्मन बन बैठी है। पिछले तीन साल में प्रदेश के आदिवासी इलाकों में 25 हजार बच्चों की समुचित इलाज के अभाव में मौत हुई है। यह राज्य सरकार का आँकड़ा है। युनिसेफ कहता है कि कुपोषण और इलाज के अभाव में दो वर्ष में 17 हजार बच्चों की मौत हुई है।उन्होंने कहा कि अजजा-अजा पर उत्पीड़न व अत्याचार के मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। अजजा वर्ग को हमेशा गुमराह करने वाली प्रदेश सरकार को तो इस बात पर शर्म आनी चाहिए कि कोरवा जनजाति, बैगा जनजाति, पण्डो जनजाति की बच्चियों व किशोरियों के साथ दुष्कर्म, हत्या के अलावा दीगर अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है।
सरगुजा जिले में बलात्कार की शिकार एक नाबालिग बच्ची की रिपोर्ट दर्ज करने में आनाकानी करने से क्षुब्ध पीड़िता बच्ची को आत्महत्या के लिए विवश होना पड़ा, जबकि बिलासपुर में दुष्कर्म के ही एक मामले में पुलिस पीड़िता के परिजनों को चक्कर कटवाती रही। काँकेर में ही दुष्कर्म के मामले में रिपोर्ट दर्ज करने में पुलिस के टालमटोल से त्रस्त पीड़िता के पिता ने आत्महत्या की कोशिश तक की।
श्रीमती साहू ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेसी कुशासन में दुष्कर्म के 5 हजार मामले सामने आए हैं। इससे पुलिस तक नहीं पहुँचे मामलों या पुलिस द्वारा दर्ज नहीं किए गए मामलों की संख्या का अनुमान लगाना जरा भी मुश्किल नहीं है।उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि प्रदेश सरकार ने इन मामलों में कार्रवाई तो दूर, इन्हें नोटिस तक नहीं किया, इन मामलों को स्वीकार नहीं किया। प्रदेश सरकार केवल शराब की कोचियागिरी और घोटालों-भ्रष्टाचार में ही मगन है। प्रदेश के भविष्य को बर्बाद करने में लगी है कांग्रेस सरकार।
प्रवक्ता श्रीमती साहू ने मांग की कि इस मामले की जाँच के दायरे में उस व्यक्ति को भी लाया जाए जो प्रतिबंधित होने के बावजूद इस कैम्पस में रातें गुजारता था, जिसकी काँकेर में काफी चर्चा है।