कांग्रेस का एक और आदिवासी विरोधी कृत्य
फूलो देवी नेताम का भी इस्तीफा ले लेना कांग्रेस को महंगा पड़ेगा
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य व पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने कहा है कि महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से सांसद फूलोदेवी नेताम का इस्तीफा कांग्रेस में मचे घमासान और भगदड़ का एक और उदाहरण है। सुश्री उसेंडी ने कहा कि सत्ता और संगठन में बदलाव के नाम पर आदिवासी नेतृत्व और महिला नेतृत्व को अपमानित का जो सिलसिला कांग्रेस में चल रहा है, उसकी बड़ी कीमत प्रदेश कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार को चुकानी ही पड़ेगी।
पूर्व मंत्री सुश्री उसेंडी ने कहा कि कांग्रेस लगातार प्रदेश में आदिवासियों के प्रति अपने दुराग्रह का प्रदर्शन कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मोहन मरकाम और मंत्रिमंडल से प्रेमसाय सिंह टेकाम की छुट्टी के बाद अब महिला कांग्रेस अध्यक्ष पद से फूलोदेवी नेताम को पद से हटाया जाना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस को आदिवासियों और महिलाओं का राजनीतिक उत्कर्ष जरा भी रास नहीं आ रहा है और मौका तलाशकर उन्हें लूप लाइन में डालकर उभरते आदिवासी और महिला नेतृत्व को नेस्त-नाबूद कर रही है। सुश्री उसेंडी ने कहा कि फूलो देवी ही अब प्रदेश से राज्यसभा में इकलौती छत्तीसगढ़िया सांसद हैं जबकि शेष राज्यसभा सदस्य अन्य राज्यों के नेताओं को बनाया गया है। छत्तीसगढ़ियावाद और आदिवासियों के नाम पर सियासी ड्रामे खेलती कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार का यही मूल आदिवासी और महिला विरोधी राजनीतिक चरित्र है।
पूर्व मंत्री सुश्री उसेंडी ने कहा कि वादाखिलाफी, झूठ-फरेब, छल-प्रपंच, घोटाले-भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश सरकार की दागदार छवि अब लाख कोशिशों के बावजूद साफ नहीं होनी है, और अब कांग्रेस में ऊपर से नीचे तक सबको यह यकीन हो गया है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ नहीं बनेगी। इसीलिए बदलाव के नाम पर कांग्रेस तमाम सियासी कवायद करके प्रदेश को राजनीतिक प्रयोगशाला बना चुकी है। सुश्री उसेंडी ने कहा कि चुनाव तक कांग्रेस बस इसी तरह सत्ता और संगठन के चेहरे ही बदलती रहेगी और चुनाव में प्रदेश की जनता, आदिवासी, युवा, किसान, महिलाएँ, सब मिलकर कांग्रेस को सत्ता से उखाड़ फेंककर बाहर पूरी सरकार ही बदल देगी।