राष्ट्रीय किसान मेला व कृषि प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया शुभारंभ
रायपुर। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल-2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ का शुभारंभ बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। समारोह की अध्यक्षता प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम ने की।
इस अवसर पर सांसद रायपुर बृजमोहन अग्रवाल, विधायक धरसींवा अनुज शर्मा, विधायक दुर्ग गजेन्द्र यादव एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्यगण सथा विमल चावड़ा, रामसुमन उइके एवं श्रीमती जानकी सत्यनारायण चन्द्रा भी गरिमामय रूप से उपस्थित रहे।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने अपने स्वागत भाषण में राष्ट्रीय किसान मेला के विभिन्न कार्यक्रमों की रूप-रेखा के साथ विश्वविद्यालय की गतिविधियों एवं उल्लेखनीय सफलताओं की जानकारी प्रदान की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि विकसित भारत की परकिल्पना को साकार करने के लिए किसानों का विकास अनिवार्य है। किसानों की समस्या-समाधान एवं उनकी आमदनी बढ़ाना छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने किसानों से आव्हान किया कि धान की खेती के साथ-साथ आमदनी बढ़ाने के लिए मत्स्य पालन, पशुपालन एवं उद्यानिकी फसलों को अपनी खेती की एक भाग के रूप में अनिवार्य रूप से शामिल करें। उन्होंने छत्तीसगढ़ में इस वर्ष अच्छी बारिश के कारण धान के रिकार्ड उत्पादन एवं खरीदी की संभावना व्यक्त की। कृषि मंत्री रामविचार नेताम बताया कि कृषि में स्वरोजगार के लिए उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ फसल चक्र परिवर्तन, कृषि उत्पाद की पैकेजिंग एवं मार्केटिंग के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है। बृजमोहन अग्रवाल, सांसद रायपुर ने बताया कि हमारे मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री जी स्वयं कृषक हैं इसलिए छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में निरंतर उन्नति हो रही है। छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं के कारण वर्तमान में धान की खेती फायदे का सौदा है और फसल चक्र अपनाकर उद्यानिकी फसलों को शामिल कर कृषकों को आय बढ़ाने का सुझाव दिया।
उद्घाटन कार्यक्रम में 6 किसानों को मसूर की नई किस्म के मिनी किट प्रदान किये गये। एग्री कार्नीवाल में जॉब फेयर से चयनित 6 कृषि स्नातक विद्यार्थियों को भी विभिन्न कम्पनियों द्वारा आफर लेटर प्रदान किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कॉफी टेबलबुक ‘‘अग्रसर’’ सहित अन्य कृषक उपयोगी प्रकाशनों का अतिथियों द्वारा विमोचन भी किया गया। कृषि स्टार्टअप के युवा उद्यमियों को अनुदान राशि का चैक भी प्रदान किया गया। आज एग्री कार्नीवाल में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगभग 4 हजार किसान भाई-बहनों एवं लगभग 1 हजार विद्यार्थियों ने प्रक्षेत्र भ्रमणएवं प्रदर्शनी द्वारा कृषि तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित चार दिवसीय एग्री कार्नीवाल – 2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में द्वितीय दिवस 23 अक्टूबर को ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर संगोष्ठी एवं ‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर कार्यशाला तथा ‘‘जैव विविधता पर प्रदर्शनी’’ एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया। ‘‘आधुनिक पादप प्रजनन तकनीक एवं डाटा एनालिसिस’’ पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में ईस्ट अफ्रीका अंतर्राष्ट्रीय राइस ब्रीडिंग प्रोगाम के कार्यक्रम प्रमुख डॉ. एस.के. कटियार, उपस्थित हैं। इसमें छत्तीसगढ़ एवं अन्य राज्यों के 211 वैज्ञानिकों एवं अनुसंधान कर्ताओं को मॉर्डन राइस ब्रीडिंग, स्पीड ब्रीडिंग, डेटा एनालिसिस पर जीवन्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, जिससे भविष्य की आवश्यकतानुसार नयी फसलों, किस्मों का विकास संभव हो सकेगा। इस कार्यशाला में इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट, मनीला, फिलीपींस, घाना, ईस्ट अफ्रीका के अन्तर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
एग्री कार्नीवाल – 2024 ‘‘राष्ट्रीय किसान मेला एवं कृषि प्रदर्शनी’’ में द्वितीय दिवस 23 अक्टूबर को ‘‘छत्तीसगढ़ से कृषि उत्पादों के निर्यात’’ पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 400 उन्नतशील किसानों, युवा उद्यमियों, अनुसंधानकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। संगोष्ठी का शुभारंभ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय प्रबंध मण्डल के सदस्यगण सथा विमल चावड़ा, रामसुमन उइके एवं श्रीमती जानकी सत्यनारायण चन्द्रा भी गरिमामय रूप से उपस्थित रहे। इस संगोष्ठी में छत्तीसगढ़ के उद्योगपति, वाणिज्य एवं उद्योग, फॉरेस्ट, बैंक अनुसंधान संस्थान एवं प्रबंधन संबंधित विशेषज्ञों ने छत्तीसगढ़ राज्य से खाद्य उत्पाद एवं उद्यानिकी फसलों के निर्यात की संभावना, समस्या एवं नीतीगत मूद्दों पर विस्तार से परिचर्चा की।