हमर प्रदेश/राजनीति

’छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’, इस कहावत में है सदियों का सच – राष्ट्रपति

साइंस और टेक्नालाजी के साथ जीवन में आध्यात्मिकता का भी समावेश हो तो जिंदगी होगी बेहतर

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के ’सकारात्मक परिवर्तन वर्ष – 2023’ का शुभारंभ किया

रायपुर। जय जोहार, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मुझे छत्तीसगढ़ की धरती पर आप सबसे मिलने का अवसर मिला। मेरी इच्छा आज पूरी हुई। एक कहावत है छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया, ऐसी कहावतों के माध्यम से सदियों से चल रहे सत्य को मात्र शब्दों में कह दिया जाता है। यह बात आज यहां रायपुर के शांति सरोवर स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वार्षिक परियोजना सकारात्मक परिवर्तन वर्ष 2023 के शुभारंभ समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कही।

राष्ट्रपति ने कहा कि साइंस और टेक्नालाजी के साथ ही जीवन में आध्यात्मिकता का भी समावेश हो तो जीवन आनंद से भर जाता है। हमारी नई पीढ़ी बहुत प्रतिभाशाली है। कभी-कभी धैर्य की कमी होने की वजह से वे निराश हो जाते हैं। उन्हें बताना है कि अपनी रुचि के क्षेत्र में धैर्य और पूरे आत्मविश्वास के साथ कड़ी मेहनत करें तो सफलता जरूर मिलती है। ब्रह्मकुमारी परिवार हमेशा से इसके लिए प्रयास कर रहा है ताकि हम बेहतर समझ के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकें।

राष्ट्रपति ने कहा कि पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए बधाई देती हूँ। सकारात्मक परिवर्तन को लेकर ओडिशा में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहाँ आप सभी के बीच में भी हूँ। मैं यहाँ पहले ही आ चुकी हूँ। फिर से बुलाने के लिए आप सभी को धन्यवाद देती हूँ।

उन्होंने कहा कि एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है और विश्वस्तरीय खेलों में कीर्तिमान रच रहा है। हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों, अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए। हार-जीत तो होती रहती है। राष्ट्रपति ने कहा कि बच्चों पर कांपिटिशन का प्रेशर है लेकिन जितना जरूरी उनका करियर है। उतना ही जरूरी है कि वे जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना कर सकें। पाजिटिव थीम की सहायता से हम उन बच्चों की मदद कर सकते हैं जो बच्चे ऐसे मोड़ पर निराश हो जाते हैं।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर अध्यात्म से जुड़े अपने अनुभव भी साझा किये। उन्होंने कहा कि मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी। ब्रह्मकुमारी का रास्ता मुझे बहुत अच्छा लगा। आप सहजता से काम करते हुए आप अपनी जिंदगी को बेहतर तरीके से जी सकते हैं। जिंदगी जीने की कला वो सिखाते हैं।

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