रायपुर/रायगढ़। रायपुर और रायगढ़ के स्टील कारोबारी सिंघल ब्रदर्स के करीब 22 ठिकानों पर बुधवार सुबह आयकर विभाग की टीमों ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी रायगढ़ ,सारंगढ़ रायपुर ,मुंबई और कोलकाता के प्लांट, कार्यालयों और उनके निवास पर की गई है। आयकर के 100 से अधिक अधिकारियों की टीम सीआरपीएफ की कड़ी सुरक्षा में छापे की कार्यवाही को करने पहुंची थी। दरअसल आयकर अफसर मध्य प्रदेश सर्किल के हैं , जिनका नेतृत्व उपायुक्त डी एस मीणा कर रहे हैं।
विभाग के ही विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आयकर की टीम ने बुधवार तड़के 5:00 बजे सिंघल इंटरप्राइजेज के सभी प्रतिष्ठानों पर जांच शुरू की थी। सिंघल इंटरप्राइजेज मुख्य फार्म के अधीन ये सभी कंपनी संचालित हो रही है। इसके संचालक संजय सिंघल और अजय सिंघल को बताया गया है , इसमें सिंघल प्लांट ,सालासर प्लांट ,श्याम इस्पात और सिंघल एनर्जी आदि शामिल है। इसके अलावा इस समूह का चावल एवं फाइनेंस का बड़ा कारोबार है। समूह से जुड़े राजधानी रायपुर के सभी ठिकानों पर शंकर नगर , खम्हारडीह , अवंती विहार , चौबे कॉलोनी , मोवा आदि कार्यालयों एवं निवास पर जांच की जा रही है। हाल ही में सिंघल उद्योग ने सालासर उद्योग को टेकओवर किया था , ये एक मुख्य वजह है जिससे आयकर विभाग की नजर में इनके दोनों उद्योग थे, क्योंकि ये एक बड़ी डील थी। जहां अधिकारी रायगढ़ के कालिंदी कुंज में सालासर उद्योग, सिंघल ब्रदर्स के सी ए , कुछ एकाउंटेंट, बंजारी मार्ग पर स्थित सिंघल उघोग , गेरवानी स्थित सालासर उघोग में जांच कर रही है। अब तक आधिकारिक रूप से आयकर विभाग ने कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन जांच जारी है। सिंघल ग्रुप से जुड़े लोगों के यहां भी अभी टीम पहुंची है। बताया जा रहा है कि जांच कुछ दिन और चल सकती है। विभाग को इन कंपनियों के खिलाफ आयकर चोरी के पुख्ता प्रमाण मिले थे। विभाग ने इसके बाद 5 वर्षों के आय-व्यय के साथ करो के भुगतान में गिरावट के कारणों पर फोकस किया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का छापों पर तीखा तंज
वहीं कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आयकर छापों पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि राजधानी में आयकर छापे चुनाव की वजह से पड़ रहे है। चुनाव नजदीक आ रहा है। मैंने पहले ही बोला था कि ईडी, आईटी के अधिकारी आने वाले हैं। ईडी के अधिकारियों ने यहां तक कि अपने बच्चों का स्कूलों में एडमिशन भी करा दिया है। जब तक लोकसभा चुनाव नहीं हो जाते, यह लोग यही रहेंगे। अब आईटी वाले भी आ गए हैं, यह भी अपना ठिकाना यही बना रहे हैं।