चमेली ने किराना दुकान को बनाया घर में ही रोजगार का जरिया

8 हजार रुपये से अधिक हो रही है मासिक आमदनी

जगदलपुर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ग्रामीण इलाकों के स्व सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनने के लिए एक कारगर योजना साबित हो रही है। इस योजना की सहायता से जहां स्व सहायता समूहों की महिलाएं अपनी बचत को बढ़ावा दे रही हैं, वहीं विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से आय संवृद्धि कर घर-परिवार को खुशहाली की ओर अग्रसर कर रही हैं। अपनी लगन और मेहनत के बूते ऐसा ही सकारात्मक परिणाम आसना निवासी चमेली कश्यप ने हासिल किया है।

जगदलपुर शहर के समीपस्थ आसना की रहने वाली चमेली ने अपने पति के द्वारा 2017 में शुरू किये किराना दुकान जब 2018 में पति के लकवा पीड़ित होने पर बन्द हुई तो विषम परिस्थिति के बावजूद हिम्मत नहीं हारी। उसने इस दौरान राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बिहान योजना में गांव की महिलाओं द्वारा गठित मां दुर्गा स्व सहायता समूह से जुड़कर छोटी-छोटी बचत एवं समूह की आर्थिक गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता निभाने लगी और बिहान की उप योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन योजनान्तर्गत प्रशिक्षण लेकर 50 हजार रुपये रुपये ऋण से अपने पति के द्वारा शुरू किये किराना दुकान को पुनः स्थापित किया। इस दिशा में चमेली ने स्थानीय जरूरतों के अनुरूप दुकान में आवश्यक सामग्री रखने लगी और किराना दुकान को बेहतर ढंग से चलाने पर ध्यान केंद्रीत किया। चमेली बताती हैं कि रोजमर्रा की जरूरी सामग्रियों को किफायती दर पर सुलभ कराने की सोच के चलते जगदलपुर शहर की थोक विक्रेताओं से सामान मंगवाना शुरू किया। जिससे ग्रामीणों का उसके दुकान को अच्छा प्रतिसाद मिलने के फलस्वरूप उसे आमदनी भी अच्छी होने के चलते हर महीने 8 हजार रुपये से अधिक की आय प्राप्त करने लगीं और ऋण की राशि अदा कर चुकी हैं। अब चमेली अपने घर-परिवार का बेहतर भरण-पोषण कर खुशहाल है।

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